चीन ने ताइवान के खिलाफ खोला सबसे बड़ा मोर्चा! ड्रैगन ने उतार दी अपनी पूरी ताकत
चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है और इसी बीच ड्रैगन ने बड़ा फैसला लिया है. चीन अब ताइवान के आसपास के इलाकों में बड़ा सैन्य अभ्यास शुरु करने वाला है.
नई दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच तनाव एक बार फिर बहुत बढ़ गया है. चीन ने दिसंबर 2025 के अंत में ताइवान के आसपास बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है. इस अभ्यास में चीन की थलसेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट बल सभी शामिल हैं.
चीन इसे 'जस्टिस मिशन 2025' नाम दे रहा है. इस कदम से क्षेत्र में शांति को खतरा पैदा हो गया है और ताइवान ने भी अपनी सेना को तैयार कर लिया है.
अभ्यास का उद्देश्य और पैमाना
चीन की ईस्टर्न थिएटर कमांड ने बताया कि यह अभ्यास ताइवान के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम दिशाओं में समुद्र के कई हिस्सों में हो रहा है. इसमें लाइव फायरिंग यानी असली गोला-बारूद का इस्तेमाल भी शामिल है. अभ्यास का मुख्य मकसद युद्ध की तैयारी को परखना, मुख्य बंदरगाहों पर कब्जा करने का अभ्यास और पूरे इलाके पर नियंत्रण हासिल करना है.
चीनी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम ताइवान में अलगाववादियों को चेतावनी देने के लिए है. वे बाहरी देशों के हस्तक्षेप को भी रोकना चाहते हैं. हाल ही में अमेरिका ने ताइवान को बड़ा हथियार पैकेज देने का ऐलान किया था, जिससे चीन बहुत नाराज है. इसके अलावा जापान के कुछ बयानों ने भी बीजिंग को भड़काया है.
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान सरकार ने चीन के इस अभ्यास की कड़ी निंदा की है. ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी हरकतें क्षेत्र की शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाती हैं. यह अंतरराष्ट्रीय नियमों की खिलाफत है. ताइवान ने इसे सैन्य धमकी बताया और चीन से ऐसी गतिविधियां रोकने की मांग की.
ताइवान की सेना ने भी जवाबी कदम उठाए हैं. द्वीप के चारों तरफ सैनिकों की तैनाती की गई है. एक विशेष रिस्पॉन्स सेंटर बनाया गया है और तेज प्रतिक्रिया के लिए अभ्यास किए जा रहे हैं. ताइवान ने अमेरिका से मिले हथियारों का प्रदर्शन भी किया, ताकि अपनी रक्षा क्षमता दिखा सके.
चीन-ताइवान का पुराना विवाद
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और जरूरत पड़े तो बलपूर्वक भी जोड़ने की बात कहता है. दूसरी तरफ ताइवान खुद को स्वतंत्र लोकतंत्र मानता है. 2022 में अमेरिकी नेता की ताइवान यात्रा के बाद से चीन की सैन्य गतिविधियां बहुत बढ़ गई हैं. अब यह अभ्यास 2022 के बाद का छठा बड़ा सैन्य प्रदर्शन है.
यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका ने ताइवान को अब तक का सबसे बड़ा हथियार सौदा दिया है. इसमें उन्नत रॉकेट सिस्टम शामिल हैं. इससे चीन को लगता है कि बाहरी ताकतें ताइवान को मजबूत कर रही हैं.