चीन एशिया में कर रहा बड़े सैन्य हमले की तैयारी! पेंटागन प्रमुख ने चेतावनी देकर किसे किया आगाह?
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने शनिवार को चेतावनी दी कि चीन एशिया में शक्ति संतुलन को बिगाड़ने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है.

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने शनिवार को चेतावनी दी कि चीन एशिया में शक्ति संतुलन को बिगाड़ने के लिए सैन्य बल का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है. पेंटागन प्रमुख ने यह टिप्पणी सिंगापुर में आयोजित वार्षिक सुरक्षा फोरम में की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन व्यापार प्रौद्योगिकी और विश्व के रणनीतिक कोनों पर प्रभाव के मुद्दे पर बीजिंग के साथ टकराव में है.
जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से ट्रम्प ने चीन के साथ कठोर व्यापार युद्ध छेड़ दिया है. AI प्रौद्योगिकियों तक उसकी पहुंच को रोकने की कोशिश की है, तथा फिलीपींस जैसे सहयोगियों के साथ सुरक्षा संबंधों को मजबूत किया है.
हेगसेथ ने शांगरी-ला वार्ता में कहा, चीन द्वारा उत्पन्न खतरा वास्तविक है. उन्होंने कहा कि बीजिंग "हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने के लिए सैन्य बल का संभावित उपयोग करने की विश्वसनीय तैयारी कर रहा है. चेतावनी दी कि चीनी सेना ताइवान पर आक्रमण करने की क्षमता विकसित कर रही है. बीजिंग ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ा दिया है और द्वीप के चारों ओर कई बड़े पैमाने पर अभ्यास किए हैं.
हेगसेथ ने चीन के आचरण को "चेतावनी" बताया तथा उस पर साइबर हमलों से लोगों की जान को खतरे में डालने अपने पड़ोसियों को परेशान करने तथा दक्षिण चीन सागर में "अवैध रूप से भूमि पर कब्जा करने और सैन्यीकरण" करने का आरोप लगाया. बीजिंग लगभग सम्पूर्ण विवादित जलमार्ग पर अपना दावा करता है जिसके माध्यम से 60 प्रतिशत से अधिक वैश्विक समुद्री व्यापार होता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह निर्णय दिया जा चुका है कि उसके दावे में कोई दम नहीं है.
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हाल के महीनों में रणनीतिक जलक्षेत्र में फिलीपींस के साथ उसका बार-बार टकराव हुआ है तथा यह टकराव सिंगापुर रक्षा फोरम में चर्चाओं पर हावी रहने वाला है. सिंगापुर स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रभारी केसी मेस ने बैठक से पहले पत्रकारों को बताया, "दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता हाल के वर्षों में बढ़ी ही है. मुझे लगता है कि इस प्रकार का मंच बिल्कुल वैसा ही मंच है जहां हमें इस विषय पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है."



