लेबनान के एक्टिंग प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने बुधवार को कहा कि वे आने वाले दिनों में इजरायल और हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के बीच युद्ध विराम के लिए प्रयास कर रहे हैं. ये बात उन्होंने अमेरिकी विशेष दूत अमोस होचस्टीन के साथ आशावादी बातचीत के बाद कही, जिसमें अमेरिका समर्थित युद्ध विराम प्रस्ताव के विवरण के साथ रिपोर्ट सामने आई.
इंडिपेंडेंट लेबनानी ब्रॉडकास्टर अल-जदीद के साथ एक इंटरव्यू के दौरान मिकाती ने कहा कि हम आने वाले घंटों या दिनों के भीतर युद्ध विराम करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे आशावादी हैं. उन्होंने कहा कि होचस्टीन के साथ बातचीत से उन्हें ये विश्वास हो गया है कि 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले युद्धविराम संभव होगा.
अमेरिका एक युद्ध विराम प्रस्ताव पर जोर दे रहा है, जिससे लेबनान-इजराइल सीमा के दोनों ओर शांति बहाल हो सके. ये बात एक वर्ष से भी अधिक समय पहले की है, जब हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ लगभग रोजाना मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू कर दिए थे.
חשיפה בכאן 11: זוהי טיוטת ההסכם המלא שמתגבש בין ישראל ללבנון. ההסכם נוסח ע״י המתווך האמריקני עמוס הוכשטיין, והונח על שולחנה של ישראל. בכירים ישראלים אומרים שהדרג המדיני מרוצה מהטיוטה וסיכוייו גבוהים. הנה הטיוטה המלאה >>>> pic.twitter.com/39sZianq8m
— Suleiman Maswadeh סולימאן מסוודה (@SuleimanMas1) October 30, 2024
कान की ओर से पब्लिश डॉक्युमेंट्स के अनुसार, सीज फायर एग्रीमेंट 60 दिन की एग्जिक्यूशन पीरियड के साथ शुरू होता है, जिसके दौरान लेबनानी सेना बॉर्डर पर तैनात रहेगी और दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के हथियारों को जब्त करेगी.
युद्ध समाप्त होने के 7 दिनों के भीतर IDF को लेबनान से सभी सैनिकों को वापस बुलाना होगा और उनकी जगह लेबनानी सशस्त्र बल (LAF) को नियुक्त किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र शांति सेना इस बदलाव को सुगम बनाएगी. आखिर में इजरायल की सीमा पर 10,000 एलएएफ सैनिक तैनात रहेंगे.
60 दिवसीय एग्जिक्यूशन पीरियड के आखिर में इजरायल और लेबनान संकल्प 1701 को पूर्ण रूप से लागू करने और सीमा विवादों को सुलझाने के लिए अमेरिका के माध्यम से अप्रत्यक्ष वार्ता करेंगे. एक नया इंटरनेशनल निगरानी एवं प्रवर्तन तंत्र (IMEM) बनाया जाएगा, जिसका अध्यक्ष अमेरिका होगा और इसमें इटली, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, यूनिफिल और क्षेत्रीय देश भाग लेंगे.
हालांकि लीक हुए दस्तावेज पर इजरायली अधिकारियों की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन चैनल 12 ने बताया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में शीर्ष इजरायली अधिकारियों की बैठक के दौरान इस बात पर व्यापक सहमति बनी कि इजरायल ने लेबनान में अपने लक्ष्यों को काफी हद तक हासिल कर लिया है और अब उसे लड़ाई समाप्त करने के लिए इसे समझौते में तब्दील करने का प्रयास करना चाहिए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेतन्याहू ने सुरक्षा अधिकारियों की इस स्थिति को स्वीकार कर लिया है कि लेबनान में युद्ध विराम तब तक उचित है जब तक कि इससे लगभग 60,000 विस्थापित उत्तरी निवासियों को सुरक्षित रूप से उनके घरों में वापस भेजने का उद्देश्य पूरा हो सके.
इस संबंध में, होचस्टीन के गुरुवार को व्हाइट हाउस के सीनियर अधिकारी ब्रेट मैकगर्क के साथ हिजबुल्लाह और हमास के साथ संभावित युद्ध विराम पर बातचीत के लिए इजरायल जाने की उम्मीद है. व्हाइट हाउस ने लीक हुए मसौदा प्रस्ताव से खुद को अलग करते हुए एक बयान में कहा कि ये वार्ता की वर्तमान स्थिति को रिफ्लेक्ट नहीं करता है.
हिजबुल्लाह के नेतृत्व वाली सेनाओं ने 8 अक्टूबर 2023 से करीब रोजाना सीमा पर इजरायली समुदायों और सैन्य चौकियों पर हमला किया है, समूह का कहना है कि वह वहां युद्ध के दौरान गाजा का समर्थन करने के लिए ऐसा कर रहा है.7 अक्टूबर को हमास के हमले के तुरंत बाद लेबनान सीमा पर स्थित उत्तरी शहरों से लगभग 60,000 निवासियों को निकाला गया था, क्योंकि इस बात की आशंका थी कि हिजबुल्लाह भी इसी तरह का हमला कर सकता है.
अक्टूबर 2023 से उत्तरी इज़राइल पर हुए हमलों में 32 नागरिकों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा, सीमा पार झड़पों और सितंबर के अंत में दक्षिणी लेबनान में शुरू किए गए आगामी ग्राउंड ऑपरेशन में 61 आईडीएफ सैनिक और रिजर्विस्ट मारे गए हैं. इराक की ओर से हुए ड्रोन हमले में दो सैनिक मारे गए हैं, तथा सीरिया की ओर से भी कई हमले हुए हैं, जिनमें किसी को चोट नहीं आई है.
आईडीएफ का अनुमान है कि संघर्ष में 2,000 से ज़्यादा हिज़्बुल्लाह कार्यकर्ता मारे गए हैं. लेबनान में सैकड़ों नागरिकों के साथ-साथ अन्य आतंकवादी समूहों के लगभग 100 सदस्यों के भी मारे जाने की ख़बर है. हिजबुल्लाह ने 516 सदस्यों के नाम बताए हैं जिन्हें इजरायल ने लड़ाई के दौरान मारा है, इनमें से ज़्यादातर लेबनान में मारे गए हैं लेकिन कुछ सीरिया में भी मारे गए हैं. सितंबर में इजरायल कीओर से हिजबुल्लाह के खिलाफ़ नए हमले शुरू करने के बाद से इन संख्याओं को लगातार अपडेट नहीं किया गया है.