H-1B Visa: H-1B वीजा शुल्क बढ़ने के बाद, कनाडाई PM भारतीय टेक पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए उठा सकते हैं बड़ा कदम

H-1B Visa: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका के H-1B वीजा शुल्क बढ़ाने के बाद हाइली स्किल्ड पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए नई योजना की तैयारी कर रहे हैं. योजना में अस्थायी वर्क परमिट और स्थायी निवास शामिल होंगे. इससे भारतीय और चीनी टेक पेशेवर कनाडा की ओर आकर्षित हो सकते हैं.

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Km Jaya

H-1B Visa: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में हाइली स्किल्ड विदेशी पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए नई योजना की तैयारी कर रहे हैं. यह कदम अमेरिका द्वारा H-1B वीजा पर $1,00,000 का वार्षिक शुल्क लगाने के बाद सामने आया है. अमेरिकी निर्णय से भारतीय और चीनी पेशेवरों के लिए H-1B वीज़ा कठिन हो गया है, जिससे कनाडा इसे अवसर के रूप में देख रहा है.

प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि कनाडा इस स्थिति को टैलेंट, इनोवेशन और देश की भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक अवसर मान रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी योजना विशेष रूप से टेक्नोलॉजी पेशेवरों पर केंद्रित होगी. इसमें अस्थायी वर्क परमिट और स्थायी निवास के विकल्प शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा, 'अमेरिका में अब लोगों को आसानी से H-1B वीजा नहीं मिलेगा. ये स्किल्ड लोग हैं और कनाडा के लिए अवसर हैं.'

वीजा पर वार्षिक शुल्क लगाने की घोषणा

इससे पहले, 19 सितंबर 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने H-1B वीजा पर $1,00,000 वार्षिक शुल्क लगाने की घोषणा की थी. यह शुल्क 21 सितंबर से प्रभावी हो गया. H-1B वीजा का इस्तेमाल विज्ञान, इंजीनियरिंग और गणित से जुड़े पेशेवरों के लिए किया जाता है, जिसमें अधिकांश लाभ भारत (71 प्रतिशत) और चीन (11.7 प्रतिशत) के पेशेवरों को मिलता है.

इस निर्णय से बढ़ी चिंता 

सिलिकॉन वैली में इस निर्णय से चिंता बढ़ गई है. कंपनियों ने चेतावनी दी है कि भारी शुल्क से विदेशी इंजीनियरों और डेवलपर्स की आपूर्ति श्रृंखला कमजोर हो सकती है. अमेरिका लंबे समय से तकनीकी कार्यबल की कमी को पूरा करने के लिए H-1B वीजा धारकों पर निर्भर रहा है.

तीन से छह साल के लिए जारी 

अमेरिकी प्रशासन ने H-1B कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा है कि यह अमेरिकी मजदूरी को कम करता है. हालांकि, टेक कंपनियां इसे विज्ञान, इंजीनियरिंग और गणित की भूमिकाओं को भरने के लिए आवश्यक मानती हैं. यह वीजा आमतौर पर तीन से छह साल के लिए जारी किया जाता है.

भारतीय पेशेवरों की संख्या में बढ़ोत्तरी

कनाडा में भारतीय पेशेवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच 32,000 टेक वर्कर कनाडा आए, जिनमें लगभग आधे भारतीय थे. 2024 में 87,000 भारतीयों को कनाडाई नागरिकता मिली, जो सबसे बड़ा समूह था. विशेषज्ञ मानते हैं कि H-1B वीजा बदलाव के बाद हजारों भारतीय पेशेवर कनाडा की ओर रुख कर सकते हैं, जो बेहतर वेतन और जीवन स्तर प्रदान करता है.