Canada News: कनाडा के एक कोर्ट ने विरोध प्रदर्शनों को लेकर पीएम जस्टिन ट्रूडो के दोहरे रवैये पर जमकर फटकार लगाई है. कनाडा के फेडरल कोर्ट ने साल 2022 में फ्रीडम प्रोटेस्ट को दबाने के लिए सरकार के शक्ति प्रयोग की आलोचना की. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने विरोध प्रदर्शनों को खत्म करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया.
जज रिचर्ड मोस्ले ने कहा कि हालात यदि इतने ही खराब थे तो सरकार नियमों के तहत कार्रवाई करने से क्यों बची? बता दें यह वही कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो हैं जिन्होंने भारत के किसान आंदोलन का समर्थन खालिस्तानी वोट पाने के लिए किया था. वहीं, भारत विरोध के हिंसक प्रदर्शनों का फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत बचाव किया था.
कंजरवेटिव विपक्षी दल का नेतृत्व करने वाले और प्रदर्शनकारियों तक स्नैक्स और खाने का सामान पहुंचाने वाले पियरे पोइलीवरे ने भी जस्टिन सरकार की प्रोटेस्ट के दौरान अपनाए गए रवैये की आलोचना की. उन्होंने एक्स पर कहा कि ट्रूडो ने इमरजेंसी एक्ट के तहत देश के सबसे बड़े कानून को तोड़ा है. उन्होंने नागरिकों को दबाने के लिए चार्टर अधिकारों का भी उल्लंघन किया है.
फ्रीडम प्रोटेस्ट के विरोध के बाद कनाडा की प्रतिष्ठा को गहरा झटका लगा था. 2022 की शुरुआत में शुरू हुआ यह प्रदर्शन राजधानी ओटावा तक पहुंच गया था. यह विरोध प्रदर्शन कनाडा में वैक्सीन की अनिवार्यता और कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ आयोजित किया गया था. लेकिन कनाडाई सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के बजाए उन पर आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग किया और प्रशासन को विरोध प्रदर्शन कुचलने की खुली छूट दे दी.