बलूचिस्तान में रेलवे ट्रैक पर बम विस्फोट, जाफर एक्सप्रेस फिर बना निशाना

बलूचिस्तान के नसीराबाद जिले में रविवार को जाफर एक्सप्रेस पर एक और बड़ा हमला होने से बाल-बाल बच गई. रेलवे ट्रैक पर लगाए गए बम के विस्फोट ने एक बार फिर पाकिस्तान के रेल नेटवर्क पर मंडराते आतंकवादी खतरों को उजागर कर दिया.

@NetramDefence
Reepu Kumari

नई दिल्ली: रविवार को जाफर एक्सप्रेस एक और बम विस्फोट की कोशिश से बाल-बाल बच गई. पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जब ट्रेन के रास्ते में लगाए गए एक विस्फोटक उपकरण में बलूचिस्तान के नसीराबाद जिले से गुजरते ही विस्फोट हो गया. यह पाकिस्तान की सबसे ज़्यादा निशाना बनाई जाने वाली यात्री ट्रेनों में से एक पर हुए हमलों की श्रृंखला में नवीनतम है.

अधिकारियों के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने शहीद अब्दुल अजीज बुल्लो इलाके में रेलवे ट्रैक पर बम लगाया था. क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन विस्फोट से पहले ही उस सेक्शन को पार कर गई थी. किसी भी यात्री या रेलवे कर्मचारी को कोई नुकसान नहीं हुआ.

तलाशी अभियान जारी

नसीराबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलाम सरवर की मानें तो  विस्फोट के तुरंत बाद अधिकारी और सुरक्षाकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने डॉन को बताया , 'बम हमले में शामिल तत्वों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया गया है.' इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और जांचकर्ताओं ने क्षतिग्रस्त पटरी की जांच शुरू कर दी है. एसएसपी ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने दूर से यात्री ट्रेन पर चार रॉकेट दागे, लेकिन कोई भी डिब्बों को नहीं लगा.

रेल पटरी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट से रेल पटरी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे क्वेटा और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल सेवाएं अस्थायी रूप से रोकनी पड़ीं. जाफ़र एक्सप्रेस ने सिंध के जैकबाबाद पहुंचने के बाद अपनी यात्रा जारी रखी. बढ़ते सुरक्षा खतरों के कारण चार दिनों के ठहराव के बाद इस मार्ग पर सेवाएं रविवार को ही फिर से शुरू हुई थीं.

बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने ली हमले कि जिम्मेदारी 

बलूच राष्ट्रवादी नेता मीर यार बलूच के अनुसार, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स (बीआरजी) ने मीडिया को जारी एक बयान में हमले की ज़िम्मेदारी ली है. समूह ने कहा कि 'बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स के स्वतंत्रता सेनानियों ने आज नसीराबाद के रबी इलाके में एक आईईडी लगाया और रिमोट कंट्रोल से जाफ़र एक्सप्रेस को निशाना बनाया. इस विस्फोट में कई लोग मारे गए और घायल हुए, जबकि पटरी और ट्रेन को भी भारी नुकसान पहुंचा.'

मार्च घात के बाद से हमलों की श्रृंखला

इस साल, बलूचिस्तान में रेल सुविधाओं पर बढ़ते आतंकवादी हमलों के कारण जाफर एक्सप्रेस को कई हमलों का सामना करना पड़ा . हिंसा का यह दौर 11 मार्च को शुरू हुआ, जब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आतंकवादियों ने लगभग 440 यात्रियों को ले जा रही इस ट्रेन पर हमला किया. इस हमले के बाद दो दिनों तक सफाई अभियान चलाया गया.

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने 12 मार्च को कहा कि ऑपरेशन के दौरान सभी 33 हमलावर मारे गए. हालांकि, तब से ट्रेन लगातार निशाना बनी हुई है.

18 जून को, जैकोबाबाद के पास एक रिमोट-नियंत्रित विस्फोटक उपकरण ने चार बोगियों को पटरी से उतार दिया, जिसकी ज़िम्मेदारी प्रतिबंधित बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स ने ली थी.

7 अगस्त को, सिबी पार करने के कुछ ही क्षणों बाद एक और उपकरण में विस्फोट हो गया. ठीक तीन दिन बाद, 10 अगस्त को, मस्तुंग में पटरी पर लगे एक बम में विस्फोट हो गया, जिससे छह बोगियां पटरी से उतर गईं. 23 सितंबर को स्पेज़ैंड के पास एक और विस्फोट में छह बोगियाँ पटरी से उतर गईं, जिसमें चार यात्री घायल हो गए. 7 अक्टूबर को शिकारपुर में ट्रेन के नीचे पटरी पर हुए एक विस्फोट में सात लोग घायल हो गए.

29 अक्टूबर को, नसीराबाद के नोटल इलाके में जाफ़र एक्सप्रेस पर रॉकेट हमला हुआ था. उस समय एसएसपी सरवर ने बताया था, 'हथियारबंद लोगों ने पैसेंजर ट्रेन को निशाना बनाने के लिए दूर से चार रॉकेट दागे,' लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी रॉकेट डिब्बों पर नहीं लगा.