नई दिल्ली: बांग्लादेश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या ने देश की राजनीति को झकझोर कर रख दिया है. 24 घंटे से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बावजूद हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से गुस्सा और अविश्वास दोनों बढ़ते जा रहे हैं. अब इंकिलाब मंच ने इस पूरे मामले में सीधे अंतरिम सरकार और मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराते हुए तीखे आरोप लगाए हैं.
मंच का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सरकार का रवैया उदासीन रहा है, जिससे जनता में यह संदेश गया है कि सत्ता में बैठे लोग इस हत्याकांड को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
इंकिलाब मंच के अनुसार हादी की हत्या के बाद उन्होंने दो सूत्रीय मांग पत्र रखा था. मंच का दावा है कि एक लाख से ज्यादा लोगों की मौजूदगी और भारी जनसमर्थन के बावजूद उनकी एक भी मांग पूरी नहीं की गई. मंच ने आरोप लगाया कि जिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मामलों के सलाहकार और उप गृह सलाहकार मौजूद थे, वहां भी न तो हत्याकांड पर ठोस जवाब मिला और न ही मांगों को लेकर कोई स्पष्ट आश्वासन दिया गया.
इंकिलाब मंच ने सरकार पर एक और गंभीर आरोप लगाया है. मंच का कहना है कि रविवार को एक अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक से बयान दिलवाकर हादी की हत्या को मामूली घटना के रूप में पेश किया गया.
मंच के अनुसार इससे साफ संकेत मिला कि सरकार इस हत्याकांड को प्राथमिकता देने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि अब तक न तो कथित शेख हसीना के एजेंट बताए जा रहे लोगों की गिरफ्तारी हुई है और न ही सिविल व मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसियों पर सरकार का पूरा नियंत्रण नजर आ रहा है.
इन्हीं आरोपों के बीच इंकिलाब मंच ने 22 दिसंबर सोमवार को ढाका के शाहबाग स्थित शहीद हादी स्क्वायर में दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने का ऐलान किया है.मंच का कहना है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे की रणनीति और नए कदमों की घोषणा की जाएगी. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यहां ऐसे फैसले लिए जा सकते हैं जो यूनुस सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दें.
हादी हत्याकांड को लेकर कई छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों ने यह दावा किया था कि आरोपी भारत भाग गए हैं. इसी मांग को लेकर भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च भी निकाला गया. हालांकि बांग्लादेश पुलिस ने इन दावों को खारिज किया है. पुलिस मुख्यालय में हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक खोंदकर रफीकुल इस्लाम ने कहा कि संदिग्ध शूटर फैसल करीम मसूद के देश छोड़ने की कोई पुख्ता पुष्टि नहीं है.