नई दिल्ली: पाकिस्तान के अशांत माने जाने वाले बलूचिस्तान प्रांत से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है. बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) नामक संगठन ने दावा किया है कि उसने अलग-अलग इलाकों में किए गए हमलों में पाकिस्तानी सेना के दस जवानों को मौत की नींद सुला दिया. यह दावा ऐसे समय पर किया गया है, जब हाल के दिनों में बलूच सशस्त्र समूहों की गतिविधियां तेज होती दिख रही हैं.
बीएलएफ ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि उसके लड़ाकों ने झाओ, बरखान, तुंप और तुरबत जैसे क्षेत्रों में कई हमले किए. संगठन के अनुसार, इन हमलों में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है. इससे एक दिन पहले भी बलूच गुटों ने कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिनमें कथित तौर पर कम से कम पंद्रह सैनिकों की मौत हुई थी.
बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर गोहरम बलोच ने बताया कि 28 दिसंबर को दोपहर करीब एक बजे अवारान जिले के झाओ इलाके में पाकिस्तानी सेना के एक काफिले पर अचानक हमला किया गया. उन्होंने कहा कि इस काफिले में पैदल गश्ती दल, बम निरोधक इकाई और एक पिकअप वाहन शामिल थे. संगठन का दावा है कि इस हमले में आठ सैनिकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
बीएलएफ का यह भी कहना है कि काफिले की सुरक्षा में तैनात एक बख्तरबंद वाहन हमले के दौरान पीछे हट गया, जिसके कारण मारे गए और घायल सैनिक वहीं रह गए. संगठन ने दावा किया कि उसी रात दूसरा हमला बरखान जिले के राखनी क्षेत्र के पास स्थित एक सैन्य शिविर पर किया गया. बीएलएफ के अनुसार, इस हमले में भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया. संगठन ने कहा कि रॉकेट से किए गए हमले के कारण शिविर के अंदर दो सैनिकों की मौत हो गई और एक अन्य घायल हुआ.
इसके अलावा बीएलएफ ने बताया कि 28 दिसंबर को तुंप के गोमाजी इलाके में सुरक्षा बलों की एक चौकी को भी निशाना बनाया गया. संगठन का कहना है कि इस हमले में पाकिस्तानी सेना को जान-माल का नुकसान हुआ. बीएलएफ ने एक और हमले का दावा करते हुए कहा कि 27 दिसंबर की रात करीब 8:20 बजे मध्य तुरबत में स्थित एक नौसेना शिविर के मुख्य द्वार पर हथगोला फेंका गया.
संगठन के मुताबिक, इस घटना में गेट पर तैनात कर्मियों को नुकसान पहुंचा, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने पूरे इलाके में सुरक्षा और गश्त बढ़ा दी. वहीं, बीएलएफ ने दोहराया है कि वह अपने लक्ष्य को हासिल करने तक ऐसे हमले जारी रखेगा. इससे साफ है कि बलूचिस्तान में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं.