जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के बजाय खुद को 'राजा' की उपाधि दे देनी चाहिए थी, क्योंकि पाकिस्तान में फिलहाल जंगल कानून लागू है. उन्होंने कहा कि जनरल मुनीर को भारत के साथ हाल ही में हुए संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए मंगलवार को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया. देश के इतिहास में ये दूसरी बार हुआ है.
खान ने एक्स पर लिखा, माशाअल्लाह, जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है. अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में बंद खान ने यह भी कहा कि उनके साथ किसी डील की अफ़वाहें पूरी तरह से झूठी हैं. कोई डील नहीं हुई है, न ही कोई बातचीत चल रही है. ये निराधार झूठ हैं. हालांकि, उन्होंने खुले तौर पर सैन्य प्रतिष्ठान को आमंत्रित किया कि अगर उन्हें वास्तव में पाकिस्तान के हितों और भविष्य की परवाह है तो वे उनके साथ बातचीत करें. "देश बाहरी खतरों, आतंकवाद में उछाल और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. हमें एकजुट होना चाहिए.
कानून केवल कमज़ोर लोगों पर लागू
मैंने पहले कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा, न ही अब मांगूंगा. खान ने शहबाज शरीफ सरकार को भारत के एक और हमले के बारे में भी आगाह किया और कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को एक ऐसी जगह में बदल दिया गया है जहां कानून केवल कमज़ोर लोगों पर लागू होता है, कभी ताकतवर लोगों पर नहीं.
खान ने आगे कहा कि पिछले तीन सालों में पाकिस्तान का नैतिक और संवैधानिक ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया है. उन्होंने कहा, "तोशाखाना-2 मामले में एक हास्यास्पद मुकदमा फिर से शुरू किया गया है. जेल की तरह ही, अदालती कार्यवाही भी एक कर्नल की इच्छा से तय होती है. मेरी बहनों और वकीलों को अदालत में जाने से रोका जा रहा है. मेरे साथियों को मुझसे मिलने की अनुमति नहीं है. मुझे महीनों तक अपने बच्चों से संपर्क करने से मना किया जाता है. यहां तक कि मेरी किताबें भी नहीं दी जाती हैं, और मुझे मेरे चिकित्सक से मिलने से भी मना किया जाता है.
उन्होंने कहा कि उन्हें खैबर पख्तूनख्वा के इलाकों में ड्रोन हमलों के बारे में जानकारी मिली है और उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को निर्देश दिया है कि वह संघीय सरकार के समक्ष आधिकारिक रूप से विरोध दर्ज कराए और इन ड्रोन हमलों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए.