आसिम मुनीर की उड़ने वाली है नींद! पाकिस्तानी मौलाना और तालिबान मिलकर रच रहे बड़ी 'साजिश'

पाकिस्तानी मौलाना ने तालिबान को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जो हैरान करने वाला है. इससे पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की नींद उड़ने वाली है.

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Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: पाकिस्तान की सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर इन दिनों कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच अब एक नया गठजोड़ उभर रहा है, जो पाकिस्तानी सेना की नीतियों को सीधी चुनौती दे रहा है. 

पाकिस्तान के प्रमुख धार्मिक नेता मौलाना फजलुर रहमान और तालिबान नेतृत्व के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं, जो इस्लामाबाद के लिए नई परेशानी का सबब बन सकती हैं.

पाक-अफगान तनाव की जड़ें

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते लंबे समय से खटास भरे रहे हैं. मुख्य वजह है टीटीपी जैसे आतंकी समूह, जिन्हें पाकिस्तान अफगानिस्तान की जमीन से संचालित मानता है. 

पाकिस्तानी सेना ने कई बार अफगान इलाकों में हवाई हमले किए, जिससे दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं और सीमाएं बंद हो गईं. इस साल अक्टूबर में हुई झड़पों के बाद तनाव चरम पर पहुंच गया था. पाकिस्तान का कहना है कि अफगान तालिबान इन आतंकियों को पनाह दे रहे हैं, जबकि काबुल इससे इनकार करता है.

मौलाना फजलुर रहमान की पाक सेना पर तीखी आलोचना

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने हाल ही में कराची के ल्यारी इलाके में एक बड़े धार्मिक सम्मेलन को संबोधित किया. यहां उन्होंने पाकिस्तानी सेना और सरकार की अफगान नीति पर सीधा हमला बोला. 

उन्होंने कहा कि 'अगर पाकिस्तान अफगानिस्तान में आतंकियों को निशाना बनाने के नाम पर हमले करता है, तो भारत को भी पाकिस्तान के अंदर आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने का हक क्यों नहीं मिलना चाहिए?'

मौलाना ने उठाए सवाल

मौलाना ने पाकिस्तानी नेतृत्व के दोहरे मापदंड की बात कही. उनका इशारा भारत की हालिया कार्रवाइयों की ओर था, जहां भारत ने अपने इलाकों में हमलों का बदला लेते हुए पाकिस्तानी क्षेत्रों में आतंकी कैंपों को निशाना बनाया. 

फजलुर रहमान ने चेतावनी दी कि दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव किसी के हित में नहीं है और इससे केवल इस्लाम के दुश्मनों को फायदा होगा. उन्होंने बातचीत से मुद्दों को हल करने की वकालत की.

तालिबान का मौलाना को खुला समर्थन

मौलाना के इस बयान के बाद अफगान तालिबान ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. तालिबान के अंतरिम गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने काबुल में एक कार्यक्रम में मौलाना फजलुर रहमान और अन्य पाकिस्तानी उलेमाओं का शुक्रिया अदा किया. 

हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान के इन धार्मिक नेताओं ने अफगानिस्तान के प्रति सद्भावना दिखाई है, जिसके लिए वे आभारी हैं. उन्होंने मौलाना के 23 दिसंबर के भाषण का विशेष जिक्र किया और कहा कि अगर दोनों देशों के बीच अच्छी बातचीत और सकारात्मक रिश्ते कायम होते हैं, तो तालिबान इसका स्वागत करेगा. 

आसिम मुनीर के लिए बढ़ती चुनौती

ये घटनाएं पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के लिए नई मुश्किल खड़ी कर रही हैं. मौलाना फजलुर रहमान पाकिस्तान में मजबूत धार्मिक प्रभाव रखते हैं और उनके मदरसे तालिबान नेताओं से पुराने रिश्ते रखते हैं. तालिबान का उनका खुला समर्थन पाक सेना की अफगान नीति को कमजोर कर सकता है.