अमेरिका में युवाओं के बीच सेक्स की गतिविधि में कमी आ रही है, यह एक तथ्य है जो हाल ही में नेशनल सर्वे ऑफ फैमिली ग्रोथ (NSFG) द्वारा प्रकाशित आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है. 2017-2019 के बीच हुए पिछले सर्वे के मुकाबले 2022-23 में सेक्सलेसनेस (सेक्स ना करना) में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई. 22-34 वर्ष की आयु वर्ग को इस अध्ययन में विशेष रूप से शामिल किया गया है, क्योंकि इस उम्र में लोग विवाह और परिवार बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत करते हैं.
सेक्स से क्यों दूर भाग रहे अमेरिकी युवा
2013-2015 के NSFG डेटा और 2022-23 के डेटा की तुलना करने पर यह पाया गया कि सेक्सलेसनेस के मामले युवा पुरुषों और महिलाओं दोनों में बढ़े हैं. 2013-2015 में 4% युवा पुरुष और 5% युवा महिलाएं अभी भी वर्जिन थे, जबकि 2022-23 में ये आंकड़े क्रमश: 10% और 7% तक पहुंच गए.
यह कमी सिर्फ अविजित व्यक्तियों तक सीमित नहीं है. युवा पुरुषों के लिए जिनके पास पिछले साल कोई सेक्सुअल संबंध नहीं था, इस आंकड़े में 9% से 24% तक की वृद्धि हुई. वहीं, महिलाओं में यह संख्या 8% से बढ़कर 13% हो गई है.
3 महीने में सेक्स नहीं करने वाले लोगों की बढ़ती संख्या
यदि हम 3 महीने से अधिक समय तक सेक्स से दूर रहने वाले लोगों के आंकड़े देखें, तो यह संख्या भी बढ़ी है. 2013-2015 में 20% युवा पुरुष और 21% युवा महिलाएं इस श्रेणी में थीं, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर क्रमश: 35% और 31% हो गया है. यह दर्शाता है कि अब युवा लोग एक दूसरे से यौन संबंध बनाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
संबंधों में कमी और शादी का विलंब
युवाओं के सेक्सलैस होने का सबसे बड़ा कारण शादी की घटती संख्या है. एक सामान्य धारणा के अनुसार, विवाह करने वाले लोग अधिक सेक्स करते हैं, लेकिन अब अधिकतर युवा देर से शादी करते हैं या फिर शादी ही नहीं करते. इसलिए, वे यौन संबंधों से भी दूर रहते हैं.
इस बढ़ती सेक्सलेसनेस का प्रभाव केवल एक छोटे समूह के पुरुषों पर नहीं है, जो एकाधिक महिला साझेदारों के साथ यौन संबंध बनाए रख रहे हैं. असल में, यह देखा गया है कि अब कम संख्या में पुरुष और महिलाएं एक-दूसरे से मिलकर यौन संबंध बनाती हैं. यौन संबंधों में गिरावट का सबसे बड़ा कारण इस धारणा का टूटना हो सकता है कि विवाह एक स्थिर यौन जीवन का हिस्सा होता है.
COVID-19 का प्रभाव और सामाजिक बदलाव
2020 में COVID-19 महामारी के बाद लोगों के सामाजिक व्यवहार में बदलाव आया, जिससे यौन संबंधों में और भी गिरावट देखने को मिली है. जबकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि महामारी ने व्यक्तिगत रिश्तों में एक तरह की बाधा उत्पन्न की है, वहीं अन्य का कहना है कि यह घटना केवल एक संयोग थी और इसके पीछे कहीं न कहीं आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी कारण हो सकते हैं.