America Secret Operation: अमेरिका ने साल 2019 में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के खिलाफ एक सीक्रेट और बेहद खतरनाक ऑपरेशन शुरू किया था. यह मिशन पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को ढेर करने वाली उसी नेवी SEAL टीम को सौंपा गया था. लेकिन एक गलती के चलते यह ऑपरेशन बुरी तरह फेस हो गया और कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीक्रेट ऑपरेशन का मकसद किम जोंग उन के नजदीकी इलाके में रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाना था ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. इसके लिए महीनों तक अमेरिकी नेवी SEALs ने अभ्यास किया. यह ऑपरेशन इतना जोखिम भरा था कि आमतौर पर इसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी होती है. हालांकि, रिपोर्ट का दावा है कि इस मिशन में राष्ट्रपति से अनुमति नहीं ली गई थी.
जानकारी के मुताबिक अमेरिकी टीम मिनी सबमरीन से नॉर्थ कोरिया के तट तक पहुंची और कई घंटे वहीं रुकी. जब टीम किनारे की ओर बढ़ रही थी, तभी अचानक उन्हें एक नाव दिखी. अमेरिकी सैनिकों ने सोचा कि ये उत्तर कोरियाई नौसेना के लोग हैं. नाव से एक व्यक्ति पानी में कूद पड़ा और तुरंत ही अमेरिकी सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी. लेकिन जब वे पास पहुंचे तो सामने आया कि नाव में कोई हथियार नहीं था और न ही वर्दी. दरअसल, वह नाव उत्तर कोरियाई मछुआरों की थी.
फायरिंग में कई मछुआरे मारे गए. अमेरिकी टीम ने किसी भी तरह की पहचान न छूटे, इसके लिए नाव को चाकू से पंक्चर कर दिया, ताकि लाशें समुद्र में डूब जाएं. बाद में अमेरिकी सेना ने इस घटना की समीक्षा की और मौतों को सही ठहराने की कोशिश की.
जब पत्रकारों ने इस ऑपरेशन का जिक्र पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किया, तो उन्होंने कहा, 'मैंने इस मिशन के बारे में पहले कभी नहीं सुना.' इस बयान से साफ है कि या तो उन्हें जानकारी नहीं दी गई थी या फिर यह मिशन गुप्त रूप से बिना राष्ट्रपति की अनुमति के चलाया गया.