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इजरायली हमलों में ईरान में मारे गए 244 लोग, 1,200 से अधिक घायल

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने यह भी कहा कि देश के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़मी और दो अन्य जनरलों के साथ-साथ अन्य शीर्ष सैन्यकर्मी और परमाणु वैज्ञानिक भी हमलों में मारे गए. इजराइल ने दावा किया है कि शुक्रवार से अब तक देश में 14 लोग मारे गए हैं और 390 घायल हुए हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को दावा किया कि देश पर तीन दिनों के इजरायली हमलों में 224 लोग मारे गए और 1,200 से अधिक घायल हुए, जबकि दोनों देशों के बीच हमले जारी हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता हुसैन केरमानपुर ने एक्स पर लिखा कि ज़ायोनी शासन के 65 घंटों के आक्रमण के बाद 1,277 लोग घायल हुए हैं. 224 महिलाएं, पुरुष और बच्चे मारे गए.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने यह भी कहा कि देश के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़मी और दो अन्य जनरलों के साथ-साथ अन्य शीर्ष सैन्यकर्मी और परमाणु वैज्ञानिक भी हमलों में मारे गए. इजराइल ने दावा किया है कि शुक्रवार से अब तक देश में 14 लोग मारे गए हैं और 390 घायल हुए हैं.  एएफपी के अनुसार, रविवार को एक वरिष्ठ ईरानी सैन्य अधिकारी ने इस्लामी गणराज्य पर इजरायल के हमलों के प्रति विनाशकारी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी. 

कर्नल रजा सैय्यद ने क्या कहा?

सशस्त्र बलों के प्रवक्ता कर्नल रजा सैय्यद ने कहा है कि ईरान के बहादुर लड़ाकों की विनाशकारी प्रतिक्रिया का असर निश्चित रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों (इज़राइल) के सभी हिस्सों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कब्जे वाले क्षेत्रों को छोड़ दीजिए, क्योंकि भविष्य में वे निश्चित रूप से रहने योग्य नहीं रहेंगे और आश्रय स्थल "सुरक्षा की गारंटी नहीं देंगे. इससे पहले रविवार को, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि देश ईरान के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को जारी रखेगा ताकि उनकी परमाणु सुविधाओं को नष्ट किया जा सके जो उनके और उनके सहयोगियों के लिए खतरा हैं.

नेतन्याहू ने कहा ने कहा कि हम अपने दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, करने के लिए तैयार हैं ताकि दो  खतरों परमाणु खतरा और बैलिस्टिक मिसाइल खतरा को दूर किया जा सके. उन्होंने आगे कहा, हमने कार्रवाई की  खुद को बचाने के लिए, लेकिन मुझे लगता है कि न केवल खुद को बचाने के लिए, बल्कि दुनिया को इस आग लगाने वाले शासन से बचाने के लिए भी.