भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के हिंदी भाषियों पर हमले को लेकर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला. मराठी भाषा लागू करने के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव से पहले "सस्ती राजनीति" करने का आरोप लगाया.
दुबे का तीखा प्रहार
निशिकांत दुबे ने कहा, "आप लोग हमारे पैसे पर जी रहे हैं. आपके पास कौन से उद्योग हैं? अगर इतनी हिम्मत है और हिंदी बोलने वालों को मारते हो, तो उर्दू, तमिल, और तेलुगु बोलने वालों को भी मारो. अगर तुम इतने बड़े 'बॉस' हो, तो महाराष्ट्र से बाहर निकलो, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु आओ- तुमको पटक-पटक कर मारेंगे."
उन्होंने आगे कहा, "हम सभी मराठी और महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए संघर्ष किया." लेकिन उन्होंने एमएनएस की नैतिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, "बीएमसी चुनाव नजदीक है, इसलिए राज और उद्धव सस्ती राजनीति कर रहे हैं. अगर हिम्मत है, तो माहिम जाओ और माहिम दरगाह के सामने हिंदी या उर्दू बोलने वालों को मारो.
हिंदी भाषी लोगों को मुम्बई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ । अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फ़ैसला कर लो
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 6, 2025
हिम्मत है तो उर्दू बोलने वालों को मारकर दिखाओ
दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "मुंबई में हिंदी बोलने वालों को मारने वाले, अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू बोलने वालों को मारकर दिखाओ. अपने घर में तो कुत्ता भी शेर बन जाता है, है ना? अब तय करो कि कुत्ता कौन है और शेर कौन."
विवाद की शुरुआत
यह विवाद तब बढ़ा जब पिछले हफ्ते एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मुंबई में एक दुकानदार को मराठी न बोलने पर पीटा. इस घटना का वीडियो ऑनलाइन वायरल हुआ, लेकिन हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुई. रविवार को एमएनएस समर्थकों ने वर्ली में व्यवसायी सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ की, जिन्होंने राज ठाकरे के भाषा रुख को खुलकर चुनौती दी थी.
ठाकरे का बयान
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के साथ एक संयुक्त रैली में कहा, "चाहे गुजराती हो या कोई और, उन्हें मराठी आनी चाहिए. लेकिन मराठी न बोलने के लिए किसी को मारने की जरूरत नहीं. [लेकिन] अगर कोई अनावश्यक ड्रामा करता है, तो उनके कानों के नीचे मारना चाहिए." उन्होंने वीडियो बनाने से भी मना किया: "अगर आप किसी को मारते हैं, तो उसका वीडियो न बनाएं. जिसे पीटा गया, उसे बताने दें कि उसे पीटा गया; आपको सबको बताने की जरूरत नहीं."
उद्धव ठाकरे ने "मराठी गौरव" का हवाला देते हुए कहा, "फडणवीस ने कहा कि हम भाषा के लिए गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर मराठी मानुस न्याय मांग रहा है, और आप हमें गुंडे कह रहे हैं हां, हम गुंडे हैं; अगर न्याय के लिए गुंडागर्दी करनी पड़े, तो हम करेंगे."
एमएनएस का रुख
एमएनएस ने हमलों के लिए माफी मांगने या कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. मुंबई इकाई प्रमुख संदीप देशपांडे ने कहा कि 48 वर्षीय दुकानदार बाबूलाल खिमजी चौधरी को थप्पड़ मारना उचित था क्योंकि उन्होंने "मराठी का अपमान" किया. देशपांडे ने कहास, "अगर मराठी का अपमान करने की कोशिश होगी, तो हम जवाब देंगे. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."