एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के शक में महिला को ग्रामीणों ने बेरहमी से पीटा, जूतों की माला पहनाकर किया अपमानित

त्रिपुरा के धलाई जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जहां एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के शक में एक महिला को ग्रामीणों ने बेरहमी से पीटा

Anuj

धलाई: त्रिपुरा के धलाई जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, जहां एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के शक में एक महिला को ग्रामीणों ने बेरहमी से पीटा और सार्वजनिक रूप से उसका अपमान किया.आरोप है कि महिला को जूतों की माला पहनने के लिए मजबूर किया गया. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. पुलिस ने घटना की पुष्टि की है और जांच शुरू कर दी गई है.

महिला के साथ शर्मसार करने वाली घटना

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटना शनिवार सुबह कमलपुर पुलिस थाना क्षेत्र के हरेरखोला गांव में हुई. पीड़ित महिला दो बेटों की मां है. बताया गया कि कुछ ग्रामीण महिला को उसके घर से बाहर खींचकर सड़क पर ले आए और फिर उसके साथ मारपीट की. महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. आरोप है कि उसे अपमानित करने के लिए जूतों की माला पहनाई गई, जिससे वह पूरी तरह टूट गई.

गहरे सदमे में महिला

घटना की सूचना मिलते ही कमलपुर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने सड़क पर पड़ी महिला को ग्रामीणों से छुड़ाया और तत्काल इलाज के लिए अंबासा जिला अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में महिला का सीटी स्कैन कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, फिलहाल उसकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर बताई जा रही है, हालांकि वह गहरे सदमे में है.

'दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी'

पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी लोगों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है. पुलिस का कहना है कि कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

त्रिपुरा महिला आयोग ने क्या कहा?

इस घटना पर त्रिपुरा महिला आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. महिला आयोग की अध्यक्ष झरना देबबर्मा ने इस अमानवीय कृत्य की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता. समाज में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है, न कि भीड़ की.

झरना देबबर्मा ने पुलिस से मांग की है कि इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि महिला आयोग की एक टीम पीड़ित महिला से मिलने के लिए कमलपुर भेजी जाएगी. आयोग पीड़िता को न्याय दिलाने और उसे हरसंभव मदद उपलब्ध कराने की कोशिश करेगा.

घटना को लेकर सवाल उठ रहे

यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि सामाजिक सोच और कानून के प्रति जागरूकता की कमी किस तरह निर्दोष लोगों की जिंदगी को प्रभावित करती है. किसी भी शक या आरोप के आधार पर किसी को सजा देने का अधिकार किसी को नहीं है. ऐसे मामलों में कानून के अनुसार कार्रवाई ही एकमात्र रास्ता है.