Kavitha resigns from BRS: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी और पार्टी सुप्रीमो के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को पार्टी से निलंबित किए जाने के एक दिन बाद , उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. 2014 से दस साल तक तेलंगाना में सत्ता में थी.
हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आंसू बहाते हुए कविता ने कहा, "कल्वाकुंटला परिवार और बीआरएस को तोड़ने की साजिश है." अपने पिता केसीआर से यह पूछते हुए कि वे किसके बीच में हैं उन्होंने कहा कि पार्टी से उन्हें बाहर निकालने में उनके चचेरे भाई और बीआरएस नेता टी हरीश राव और संतोष कुमार की भूमिका है.
#WATCH | Hyderabad, Telangana | On being suspended from the Bharat Rashtra Samithi party, K Kavitha says, "...I have never worked against the interests of the people of Telangana, but some leaders of the BRS who have vested interests and only think of their benefits have taken… pic.twitter.com/uCZrolBgRq
— ANI (@ANI) September 3, 2025
बीआरएस को नुकसान पहुंचाने का आरोप
मंगलवार को पार्टी की अनुशासन समिति के सदस्यों सोमा भारत कुमार और टी रविंदर राव द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस में कहा गया था, "पार्टी नेतृत्व इस मामले को गंभीरता से ले रहा है क्योंकि पार्टी एमएलसी श्रीमती के. कविता का हालिया व्यवहार और चल रही पार्टी विरोधी गतिविधियां बीआरएस को नुकसान पहुंचा रही हैं. पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित करने का निर्णय लिया है."
सूत्रों ने बताया कि कविता द्वारा अपने चचेरे भाइयों के खिलाफ टिप्पणी करने के तुरंत बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हैदराबाद के बाहरी इलाके एर्रावल्ली में केसीआर के फार्महाउस पर इकट्ठा हुआ.
कविता के सामने क्या विकल्प
सोमवार को कविता ने तेलंगाना के पूर्व मंत्री टी हरीश राव, पूर्व राज्यसभा सांसद संतोष कुमार और उद्योगपति मेघा कृष्ण रेड्डी पर निशाना साधते हुए उन पर “मेरे पिता के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए जिम्मेदार” होने का आरोप लगाया था. कविता के सहयोगियों ने संकेत दिया है कि उनके सामने जो विकल्प हैं, उनमें एक नई राजनीतिक पार्टी बनाना, कांग्रेस में शामिल होना या अपने भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर का नेतृत्व स्वीकार करना शामिल है.
अप्रैल में बीआरएस के महाधिवेशन के तुरंत बाद कल्वाकुंतला परिवार में दरारें खुलकर सामने आने लगीं. सबसे पहले कविता द्वारा केसीआर को लिखे गए पत्र का "लीक" हुआ जिसमें उन्होंने भाजपा पर उनके "सीमित हमलों" पर सवाल उठाया था. लगभग एक महीने बाद, कविता ने यह दावा करके एक बड़ा धमाका कर दिया कि भाजपा और बीआरएस के बीच विलय की बातचीत उनके जेल में रहते हुए उनकी पीठ पीछे हुई थी.