menu-icon
India Daily

कौन हैं पराग जैन, जिन्हें बनाया गया RAW का नया चीफ; ऑपरेशन सिंदूर में निभाई थी अहम भूमिका

जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत विदेशों में, खासकर कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ अपनी रणनीति को तेज कर रहा है.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Parag Jain

नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को पंजाब कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को भारत की प्रमुख बाह्य खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का नया सचिव नियुक्त किया. उनकी नियुक्ति दो साल के निश्चित कार्यकाल के लिए की गई है, और वे 1 जुलाई से आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगे. जैन मौजूदा सचिव रवि सिन्हा का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर में निभाई थी अहम भूमिका

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 28 जून को जैन की नियुक्ति को मंजूरी दी, जिसने भारत के सबसे संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठानों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों को विराम दिया. वर्तमान में जैन रॉ की महत्वपूर्ण शाखा एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) के प्रमुख हैं. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सटीक जवाबी कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी अगुवाई में एआरसी ने मानव खुफिया (HUMINT) और तकनीकी खुफिया (TECHINT) क्षमताओं का उपयोग कर पाकिस्तानी सैन्य तैनाती पर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई थी.

15 साल का रॉ अनुभव: विशेषज्ञता का भंडार

रॉ में 15 साल से अधिक समय तक सेवा दे चुके जैन वर्तमान में एजेंसी के दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. वे कई उच्च-जोखिम वाली परिचालन और खुफिया इकाइयों की देखरेख करते हैं. उनकी विशेषज्ञता में शामिल हैं:

  • आतंकवाद विरोधी अभियान
  • पंजाब की आंतरिक सुरक्षा
  • सिख उग्रवाद और खालिस्तान से जुड़े आंदोलन
  • सीमा पार और प्रवासी निगरानी

जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत विदेशों में, खासकर कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ अपनी रणनीति को तेज कर रहा है.

अंतरराष्ट्रीय अनुभव

जैन ने कनाडा के ओटावा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने सिख प्रवासी समूहों की गतिविधियों पर नजर रखी और अलगाववादी नेटवर्क में घुसपैठ की. 2022 में श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान वहां तैनात रहे, जहां उन्होंने शासन परिवर्तन और राजनीतिक उथल-पुथल को करीब से देखा. भारत में, जैन ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बाद की सुरक्षा पुनर्गठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

जमीनी पुलिसिंग से रणनीतिक अभियान तक

रॉ में शामिल होने से पहले, जैन ने पंजाब में कई महत्वपूर्ण पुलिसिंग भूमिकाएं निभाईं, जिनमें चंडीगढ़ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, लुधियाना रेंज के डीआईजी, और भटिंडा, मानसा, और होशियारपुर में तैनाती शामिल हैं. पंजाब की जमीनी सुरक्षा गतिशीलता और उग्रवाद के इतिहास की उनकी गहरी समझ उन्हें क्षेत्रीय और वैश्विक खतरों से निपटने में अद्वितीय लाभ प्रदान करती है.