भारतीय तट रक्षक बल ने 13 अप्रैल 2025 को एक अभियान चलाकर तमिलनाडु से 58 लाख रुपए की कीमत का 145 किलोग्राम समुद्री खीरे जब्त किए हैं. आइए जानते हैं क्यो होता है समुद्री खीरा और भारत में इसके व्यापार पर क्यों है बैन?
रामनाथपुरम में 145 किलो समुद्री खीरा जब्त
मंगलवार को तटरक्षक बल ने बताया कि 13 अप्रैल, 2025 को मंडपम स्टेशन ने रामनाथपुरम में एक अवैध शिकार रोधी अभियान के दौरान 145 किलोग्राम समुद्री खीरा जब्त किया, जिसकी कीमत 58 लाख रुपये आंकी गई है. तटरक्षक बल ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, "13 अप्रैल, 2025 को मंडपम में भारतीय तटरक्षक स्टेशन ने 145 किलोग्राम अवैध समुद्री खीरा जब्त किया, जिसकी कीमत 58 लाख रुपये है. यह समुद्री पर्यावरण की रक्षा और अवैध तस्करी रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है." भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत समुद्री खीरे का संग्रह और व्यापार प्रतिबंधित है क्योंकि यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी अंधाधुंध कटाई पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है.
On 13 Apr 25, @IndiaCoastGuard #Station #Mandapam seized 145 kg of illegal sea cucumbers worth ₹58 lakhs during an #AntiPoaching operation. A major step towards safeguarding our #MarineEnvironment & curbing illegal transshipment.#MarineProtection #CoastalSecurity pic.twitter.com/7dHtC8M0bE
— Indian Coast Guard (@IndiaCoastGuard) April 15, 2025Also Read
समुद्र में बढ़ाता है ऑक्सीजन
समुद्री खीरा समुद्र तल पर रहने वाला एक जीव है, जो समुद्री पर्यावरण को स्वच्छ और संतुलित रखने में मदद करता है. यह समुद्र तल पर मौजूद कार्बनिक पदार्थों को खाता है और मिट्टी को हिलाकर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है. इससे समुद्री घास और अन्य जीवों का विकास होता है. इनकी अत्यधिक कटाई से समुद्री जैव विविधता पर बुरा असर पड़ता है, जो मछलियों और अन्य समुद्री प्रजातियों के लिए खतरा बन सकता है.
अवैध व्यापार और तस्करी
समुद्री खीरे की कुछ प्रजातियों की अंतरराष्ट्रीय बाजारों, खासकर पूर्वी एशियाई देशों में भारी मांग है, जहां इन्हें भोजन, औषधि और सौंदर्य प्रसाधनों में इस्तेमाल किया जाता है. इस मांग के कारण भारत में अवैध कटाई और तस्करी बढ़ी, जिससे इनकी आबादी तेजी से घटी. सरकार ने इस अनियंत्रित दोहन को रोकने के लिए इन्हें संरक्षित प्रजाति घोषित किया.