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शाहजहां का क्या होगा, तोते की जान हाथ में, ममता सरकार को क्यों मुंह की खानी पड़ी

संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की एंट्री और कई घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अब सीबीआई की कस्टडी में है. सीबीआई की कस्टडी में जानें के बाद अब हर किसी के मन में यह सवाल है कि अब आगे क्या होगा? सवाल यह भी है कि इस पूरे मामले में ममता सरकार को क्यों मुंह की खानी पड़ी.

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Shahjahan Sheikh In CBI Custody: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख इस वक्त सीबीआई की कस्टडी में है. कलकत्ता हाईकोर्ट की एंट्री और कई घंटे तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद बंगाल पुलिस मुख्यालय से शाहजहां को सीबीआई की कस्टडी में भेजा गया. बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को सख्त निर्देश देते हुए शाहजहां शेख को सीबीआई के हवाले सौंपने के लिए कहा था.

शाहजहां सेख को सीबीआई के हवाले किए जाने के बाद हर किसी के जहन में यह सवाल है कि शाहजहां का अब आगे क्या होगा. शाहजहां को अपने कस्टडी में लेने के बाद सीबीआई उससे गहनता से पूछताछ करेगी और यह कहा जा रहा है कि अब शाहजहां की काली करतूत से पर्दा उठेगा.

सीबीआई करेगी गहनता से जांच

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपने का आदेश दिया था. इससे पहले, पश्चिम बंगाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी. कईयों का मानना था कि राज्य पुलिस प्रभावी जांच नहीं कर पाएगी क्योंकि शाहजहाँ शेख़ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े थे. CBI एक केंद्रीय एजेंसी है जिसे गंभीर अपराधों की जांच के लिए जाना जाता है. उम्मीद की जाती है कि सीबीआई निष्पक्ष और गहन जांच करेगी और मामले के सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच करेगी. इसमें पीड़िताओं के बयान लेना, सबूत जुटाना और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाना शामिल है.

CBI के इन सवालों का करना पड़ सकता है सामना

शाहजहां शेख की कस्टडी में लेने के बाद सीबीआई अब गहनता से पूछताछ करेगी. पूछताछ के दौरान सीबीआई शाहजहां से कई सवाले के जवाब जानने की कोशिश करेगी. जानकारी के अनुसार शाहजहां से सीबीआई अवैध वसूली, जमीन हड़पने, महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, ईडी की टीम पर हमला करने के मामले में पूछताछ कर सकती है.

शाहजहां को क्यों बचा रही थी ममता सरकार

शाहजहां शेख की गिनती टीएमसी के एक कद्दावर नेता के रूप में होती थी. मुस्लिम वोटरों के बीच शाहजहां की अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है और ममता बनर्जी को मुसलमानों का ठीक ठाक वोट जाता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि ममता सरकार शाहजहां को इसलिए बचा रही थी ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज न हो जाए.

ममता सरकार को क्यों मुंह की खानी पड़ी

ममता सरकार की ओर से शाहजहां को बचाने की तमाम कोशिशें बेकार साबित हुई क्योंकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकार को यह आदेश दिए कि सीबीआई को शाहजहां की कस्टडी दी जाए. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर मामले में जल्द सुनवाई की मांग की जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया और थक हारकर  ममता सरकार ने शाहजहां को सीबीआई के हवाले सौंप दिया.