Weather Alert: 2025 की सर्दी तोड़ेगी 1917 और 1962 के रिकॉर्ड! क्या है ये 'ला लीना' जिसकी वजह से पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड
Weather Alert: मौसम एक्सपर्ट का अनुमान है कि 2025 की सर्दी भारत के इतिहास की सबसे ठंडी सर्दियों में से एक हो सकती है. ला नीना के प्रभाव से उत्तरी भारत में तापमान सामान्य से 1.5 से 3 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है, जिससे बर्फबारी और ठंड की मार बढ़ सकती है.
Weather Alert: मौसम विभाग और जापान की एजेंसी के अनुसार, दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 तक ला नीना अपने चरम पर होगा. ला नीना प्रशांत महासागर के ठंडे पानी का प्रभाव है, जिससे पूरी दुनिया में तापमान गिर जाता है. इस बार जेट स्ट्रीम दक्षिण की ओर झुक रही है, जिससे उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का दबाव बढ़ेगा और गंगा मैदानी इलाकों में भी कोल्ड वेव और कोल्ड डे जैसी स्थिति बन सकती है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि औसतन इस सर्दी का तापमान सामान्य से 1.5 से 3 डिग्री सेल्सियस कम रह सकता है. उत्तर भारत में 1917 और 1962 के सर्दियों के रिकॉर्ड टूटने की संभावना भी जताई जा रही है.
हिमालय और मैदानी इलाकों पर असर
हिमालय में बर्फबारी 20% तक बढ़ सकती है. इससे ग्लेशियर झीलों के फटने का खतरा भी रहेगा. दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है. पार्कों और रास्तों पर सुबह-सुबह ठंडक महसूस की जा रही है, वहीं बच्चों और ऑफिस जाने वालों को भी सर्दी का एहसास हो रहा है.
किसानों के लिए यह सर्दी बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है. गेहूं, सरसों और चने जैसी फसलें प्रभावित हो सकती हैं. सिंचाई और बिजली की मांग बढ़ेगी, जिससे कृषि क्षेत्र पर दबाव पड़ेगा. मौसम विज्ञानी इस बार की सर्दी को 'चरम शीतकाल' कह रहे हैं, जो हर 20 साल में एक बार आता है.
सर्दियों का ला नीना इफेक्ट
ला नीना, ENSO (El Niño Southern Oscillation) का ठंडा चरण है. इसमें मध्य और पूर्वी ट्रॉपिकल प्रशांत महासागर का पानी ठंडा हो जाता है और वायुमंडल पर इसका असर पड़ता है. इसका परिणाम भारत में तेजी से बढ़ती सर्दी, अधिक वर्षा और कोल्ड वेव की स्थितियों के रूप में दिखाई देता है. इस प्रक्रिया में हवाएं सामान्य से तेज हो जाती हैं और प्रशांत महासागर की ओर पानी अधिक मात्रा में धकेला जाता है. इससे भारत सहित पूर्वी विश्व के हिस्सों में तापमान में गिरावट और बर्फबारी की संभावना बढ़ जाती है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि इस बार उत्तरी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. पहाड़ी इलाकों में शीत लहर और बर्फबारी में वृद्धि होगी. अक्टूबर 2025 में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है. औसत 75.4 मिमी बारिश का लगभग 115% बारिश होने की उम्मीद है.
पिछले हफ्ते श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में अपेक्षाकृत जल्दी बर्फबारी हुई. हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी जारी रही. इस वजह से हिमाचल और पंजाब में तापमान में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह सभी गतिविधियां ला नीना के प्रभाव से जुड़ी हैं.
शहरों में ठंड का अनुभव
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब सुबह-सुबह ठंडक महसूस कर रहे हैं. बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोग पार्क और रास्तों पर ठंडी हवाओं का सामना कर रहे हैं. इस साल सर्दियों का मौसम सामान्य से पहले आने की उम्मीद है.
और पढ़ें
- Aaj Ka Rashifal: सूर्यदेव का आशीर्वाद आज इन राशियों को करेगा मालामाल, देखें लिस्ट में आपकी राशि तो नहीं?
- Petrol Diesel Price Today: आज फिर बदले पेट्रोल-डीजल के दाम! जानें आपके शहर में कितना महंगा हुआ तेल
- Gold and Silver Price: सस्ता हुआ सोना! चांदी ने तोड़ा अब तक का रिकॉर्ड! देखें आज कितने का मिल रहा है 24 कैरेट गोल्ड