अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के विरुद्ध अतिरिक्त 25 प्रतिशत की घोषणा के तुरंत बाद भारत सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए कदम उठाएगी. अपने आधिकारिक बयान में विदेश मंत्रालय ने अतिरिक्त टैरिफ और नई दिल्ली को निशाना बनाने को अनुचित बताया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने इन मुद्दों पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि हमारा आयात बाजार कारकों पर आधारित है और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है. भारत सरकार ने आगे कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमेरिका ने भारत पर उन कार्यों के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने का विकल्प चुना है, जो कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हित में कर रहे हैं.
Statement by Official Spokesperson⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 6, 2025
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रूसी तेल की खरीद पर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ
इससे पहले बुधवार को ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत रूसी तेल की खरीद पर भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति का यह कदम यूक्रेन में चल रहे युद्ध के लिए युद्ध विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए रूस और व्लादिमीर पुतिन पर दबाव के बीच आया है.
भारत ने पहले ट्रम्प की धमकियों को अनुचित करार दिया था और अमेरिका तथा यूरोपीय संघ पर रूस के साथ व्यापार के लिए नई दिल्ली को अनुचित तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया था. विदेश मंत्रालय ने अपने पिछले बयान में कहा था कि भारत के आयात का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है. वैश्विक बाज़ार की स्थिति के कारण ये आयात जरूरी हैं. हालांकि, यह बात उजागर होती है कि जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वे ख़ुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं. हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई ज़रूरी राष्ट्रीय बाध्यता भी नहीं है."
1 अगस्त से अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया
1 अगस्त से अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. राष्ट्रपति ट्रंप के अनुसार, यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि नई दिल्ली द्वारा अमेरिकी वस्तुओं पर लगाया जाने वाला टैरिफ "दुनिया में सबसे ज़्यादा" है. रिपब्लिकन नेता ने आगे कहा कि टैरिफ के साथ भारत के लिए दंड भी है, क्योंकि उसका रूस के साथ व्यापार और ब्रिक्स समूह में भागीदारी है, जो ट्रम्प के अनुसार अमेरिका विरोधी है.