कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने सदन में पेश हुए तीन विवादास्पद विधेयकों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि ये देश को मध्ययुगीन काल में ले जा रहे हैं. इन विधेयकों में प्रावधान है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है.
राहुल गांधी का जोरदार हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने काले टी-शर्ट में विरोध जताते हुए कहा, "हम मध्ययुग की ओर जा रहे हैं, जब राजा अपनी मर्जी से किसी को हटा देता था. अगर किसी का चेहरा पसंद नहीं, तो वह ईडी को गिरफ्तारी का आदेश देता है, और 30 दिनों में लोकतांत्रिक रूप से चुना गया व्यक्ति बाहर." उन्होंने इन विधेयकों को संविधान पर हमला करार दिया.
#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, "There is a lot of action going on about the new Bill that the BJP is proposing. We are going back to medieval times when the king could just remove anybody at will. There's no concept of what an elected person is.… pic.twitter.com/vZdiqSh11X
— ANI (@ANI) August 20, 2025
किन तीन विधेयकों पर मचा हंगाम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. इनके तहत, यदि कोई नेता 5 साल या अधिक सजा वाले आरोप में 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन उसे पद से हटा दिया जाएगा. हालांकि, रिहाई के बाद पुनर्नियुक्ति संभव है.
विपक्ष ने इसे बताया दमनकारी
विपक्ष ने इसे "दमनकारी" बताते हुए सदन में विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं. राहुल गांधी ने कहा, "संविधान पर हमला करने वालों और उसे बचाने वालों के बीच युद्ध चल रहा है." कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी विधेयकों की आलोचना की और कहा, "यह विधेयक संविधान के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. जब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे, तब क्या उनकी गिरफ्तारी हुई थी. तब उन्होंने नैतिकता का पालन किया था?"
ये विधेयक दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी जैसे नेताओं के जेल में रहते हुए पद पर बने रहने के विवादों की पृष्ठभूमि में आए हैं. विपक्ष का दावा है कि सरकार इनका दुरुपयोग विपक्षी दलों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए करेगी.