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India Daily

पुणे में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प, धार्मिक स्थल पर पथराव, माहौल गर्म

वायरल पोस्ट के बाद शुक्रवार को यवत गांव में एक मस्जिद पर पथराव की घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया. इस घटना की खबर फैलते ही गांव और आसपास के इलाकों में अफरातफरी मच गई.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Violent clash between two groups in Pune
Courtesy: Social Media

महाराष्ट्र के पुणे जिले के दौंड तालुका में स्थित यवत गांव में शुक्रवार को दो समुदायों के बीच तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया, जब एक मस्जिद पर पथराव की घटना सामने आई. यह घटना उस आक्रोश का परिणाम मानी जा रही है, जो 26 जुलाई को यवत रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को खंडित किए जाने के बाद भड़का था. इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया था.

 26 जुलाई को हुई प्रतिमा खंडन की घटना ने स्थानीय लोगों में भारी रोष पैदा किया. छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की इस घटना को लेकर गांव और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल बन गया. इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. 

प्रतिमा खंडन के विरोध में गुरुवार को बीजेपी विधायक गोपीचंद पडळकर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ यवत गांव में एक बैठक की और इसके बाद एक मोर्चा निकाला. इस मोर्चे का उद्देश्य प्रतिमा खंडन की घटना के खिलाफ एकजुटता दिखाना और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करना था. हालांकि, इस प्रदर्शन के बाद शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट वायरल हो गई, जिसने माहौल को और गरमा दिया. 

मस्जिद पर पथराव से बिगड़े हालात
 
वायरल पोस्ट के बाद शुक्रवार को यवत गांव में एक मस्जिद पर पथराव की घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया. इस घटना की खबर फैलते ही गांव और आसपास के इलाकों में अफरातफरी मच गई. दोनों समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आई और मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश शुरू की. 

पुलिस की तैनाती और प्रशासन की अपील
  
हालात को काबू में करने के लिए पुणे पुलिस ने यवत गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है. पुलिस अधीक्षक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा कि इस मामले में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों पर भी नजर रखने की बात कही है.