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नैनीताल के जंगलों की आग से रिहायशी इलाकों को खतरा; बोटिंग बंद, बुलाई गई सेना

Nainital Forest Fire: अगर आप नैनीताल जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए हैं. नैनीताल के जंगलों में लगी आग ने शुक्रवार को अपना दायरा बढ़ा दिया, जिसके बाद नैनी झील में बोटिंग बंद हो गई है. आग पर काबू पाने में जुटी वन विभाग की टीम की मदद के लिए सेना को बुलाया गया है. कहा जा रहा है कि आग धीरे-धीरे रिहायशी इलाकों की ओर बढ़ रही है. आइए, जानते हैं पूरी रिपोर्ट.

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Nainital Forest Fire: नैनीताल के जंगलों की आग ने अब रिहायशी इलाकों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. लिहाजा, आग पर काबू पाने के लिए सेना की टीम को बुलाया गया है. कहा जा रहा है कि जंगलों में लगी आग ने शुक्रवार को भीषण रूप ले लिया. फिलहाल, जंगल में लगी आग के कारण नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में बोटिंग पर बैन लगा दिया है.

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, जंगलों की आग ने शुक्रवार को भीषण रूप ले लिया और आग की लपटें नैनीताल की हाई कोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं. आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने वन विभाग के कर्मचारियों और सेना के जवानों को बुलाया है. यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो वे आग पर काबू पाने के अभियान में हेलीकॉप्टरों को लगा सकते हैं.

नैनीताल जिला मुख्यालय के पास लगी है आग

खबरों के मुताबिक, नैनीताल के जिला मुख्यालय के पास लगी आग से पाइंस इलाके में स्थित हाई कोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है. नैनीताल के स्थानीय लोगों के मुताबिक, आग ने द पाइंस के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को अपनी चपेट में ले लिया है. हालांकि, आग से अभी तक हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन ये खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है और इमारतों के करीब पहुंच गई है. शुक्रवार शाम से आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. 

24 घंटे में कुमाऊं मंडल में आग की 26 घटनाएं

आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने 42 कर्मियों को तैनात किया है. नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चन्द्रशेखर जोशी के मुताबिक, हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है. 
उत्तराखंड के वन विभाग ने कहा है कि 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आईं. आग के कारण 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल यानी 1 नवंबर 2023 से उत्तराखंड में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगाने के तीन आरोपी गिरफ्तार

उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु की ओर से बताया गया है कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम की ओऱ से ये कार्रवाई की गई.

गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक जखोली के तड़ियाल गांव का नरेश भट्ट था, जो जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया था. कथित तौर पर उसने आग इसलिए लगाई ताकि उसकी भेड़ों को नई घास मिल सके. उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को अलर्ट पर रहने और जंगल की आग को रोकने के लिए उपाय करने को कहा है.