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रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर किसी भी पक्ष को नाराज नहीं करना भारत, पुतिन के बाद जेलेंस्की कर सकते हैं दौरा, जानें क्या है रणनीति?

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भारत का दौरा कर सकते हैं. माना जा रहा है कि उनका यह दौरा जनवरी 2026 में हो सकता है.

Anuj

नई दिल्ली: हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के लिए भारत की यात्रा पर आए थे, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हुई थी. अब खबर है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी भारत का दौरा कर सकते हैं. माना जा रहा है कि उनका यह दौरा जनवरी 2026 में हो सकता है. इस संभावित यात्रा को रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के संतुलित कूटनीतिक रुख का हिस्सा माना जा रहा है. पिछले साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी रणनीति के तहत जुलाई में रूस और अगस्त में यूक्रेन का दौरा किया था.

भारत आएंगे राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की

रिपोर्ट के अनुसार, भारत और यूक्रेन के अधिकारी कई हफ्तों से इस दौरे की तैयारी को लेकर बातचीत कर रहे हैं. यह चर्चाएं पुतिन की भारत यात्रा से पहले ही शुरू हो गई थी. यदि जेलेंस्की भारत आते हैं, तो यह 13 साल बाद किसी यूक्रेनी राष्ट्रपति की भारत यात्रा होगी. इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति 1992, 2002 और 2012 में भारत का दौरा कर चुके हैं. 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने भारत का दौरा किया था.

अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिस्थितियों पर निर्भर करेगी यात्रा

रिपोर्ट में कहा गया है कि जेलेंस्की की यात्रा कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिस्थितियों पर निर्भर करेगी. इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना पर हो रही प्रगति और रूस-यूक्रेन युद्ध के आगे के कदम शामिल हैं. इसके अलावा यूक्रेन में हाल ही में सामने आए बड़े भ्रष्टाचार मामले का असर भी इस दौरे की समय-सीमा पर पड़ सकता है. यूरोप और अमेरिका के बीच यूक्रेन मुद्दे पर बढ़ते मतभेद भी चर्चाओं का हिस्सा हो सकते हैं.

'शांति के साथ खड़ा है भारत'

फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत दोनों देशों के नेताओं के साथ संपर्क में रहा है. प्रधानमंत्री मोदी कम से कम 8 बार जेलेंस्की से फोन पर बात कर चुके हैं और 4 बार उनसे आमने-सामने मिल चुके हैं. भारत का हमेशा से कहना रहा है कि इस संघर्ष का समाधान बातचीत और कूटनीति से ही संभव है. प्रधानमंत्री मोदी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत किसी पक्ष में नहीं खड़ा, बल्कि शांति के साथ खड़ा है.

अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम

ऐसा कहा जाता है कि युद्ध के कारण ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है. ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर उसकी युद्ध क्षमता को मजबूत कर रहा है. वही, भारत का कहना है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही तेल खरीद रहा है और यह उसका संप्रभु अधिकार है. युद्ध के बाद रूस द्वारा सस्ता तेल देने के कारण भारत का रूसी तेल आयात काफी बढ़ गया है. जेलेंस्की की संभावित भारत यात्रा को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे भारत की शांति प्रयासों में भूमिका और मजबूत हो सकती है.