Shimla News: 30 साल पुरानी यह 3 मंजिला मस्जिद शहर के जेल रोड पर स्थित है. आरोप है कि इस मस्जिद की 2 मंजिल अवैध रूप से बनाई गई थीं और अब इन दोनों मंजिलों को गिराने का आदेश कोर्ट ने दे दिया है.
हिंदू संगठनों ने किया विरोध प्रदर्शन
फैसले से पहले ही ध्वस्तीकरण का काम शुरू
कोर्ट का फैसला आने से पहले ही मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने मस्जिद के अवैध हिस्से को खुद ही ध्वस्त करना शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि मस्जिद लोक निर्माण विभाग (PWD) की जमीन पर बनी थी. इस संबंध में लोक निर्माण विभाग और नगर निगम दोनों ने मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया था.
मस्जिद समिति के सदस्य इकबाल अली ने कहा, 'PWD के अधिकारियों ने हमें सूचित किया था कि मस्जिद की एक दीवार लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनी है, इसको लेकर हमें नोटिस जारी हुआ. इसलिए हमने दीवार गिराने का फैसला किया है.'
उधर शिमला की 5 मंजिला संजौली मस्जिद को लेकर भी विवाद जारी है. आरोप है कि इस मस्जिद की तीन मंजिल अवैध हैं. स्थानीय लोग पिछले 15 दिन से यहां प्रदर्शन कर रहे हैं.
क्या था मंडी मस्जिद को लेकर विवाद
यह मस्जिद 70 साल पहले बनी थी. मस्जिद की जमीन मुस्लिम महिला के नाम पर है. यह मंजिल एक मंजिला थी. इसी साल मार्च में दो मंजिल और बनाई गईं. निगम की जांच में मस्जिद की कुछ जमीन सरकारी पाई गई. मस्जिद का नक्शा पास नहीं था. निगम ने जून 2024 में निर्माण कार्य रुकवाया. इसके बाद निगम के अधिकारियों ने कमिश्नर कोर्ट में केस किया. कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष 30 दिनों के अंदर अपील कर सकेगा.
सभी धर्मों का सम्मान- सीएम सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुक्खू ने कहा, 'मंडी में अवैध निर्माण की बात सामने आई है. मस्जिद विवाद को लेकर कमेटी बनेगी. यह शांति प्रिय राज्य है, जहां सभी धर्मों का सम्मान होता है. किसी भी धर्म और जाति को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी. हमारी सरकार कानून के मुताबिक काम करेगी. अवैध निर्माण स्वीकार्य नहीं है लेकिन अवैध निर्माण को लेकर भी कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई की जाएगी.'