नई दिल्ली: इजरायल-हमास युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लेख लिखा है. गाजा पट्टी में इजरायल की ओर से किए जा रहे लगातार हमलों को लेकर सोनिया गांधी ने कहा "कांग्रेस का मानना है कि सभ्य दुनिया में हिंसा की कोई जगह नहीं है. इजरायल पर हमास के हमले के बाद कांग्रेस पार्टी ने इसकी निंदा की थी. गाजा और उसके आसपास इलाकों में इजरायली सेना के सैन्य अभियानों की वजह से हालात गंभीर होते जा रहे है. जिसकी वजह से बड़ी तादाद में निर्दोष और असहाय बच्चों, महिलाओं और पुरुषों समेत हजारों लोगों की मौत हो गई है. इस विध्वंसक युद्ध की वजह से कई परिवार तबाह हो गयी. इलाके मलबे में तब्दील हो गए. इस युद्ध में कांग्रेस का स्टैंड बिल्कुल साफ है कि न्याय के बिना शांति नहीं स्थापित नहीं हो सकती है."
सोनिया गांधी ने लेख में आगे लिखा "मानवीय संकट का सामना करने के लिए चिकित्सा सुविधाएं का घोर अभाव है. फिलिस्तीनी लोगों के मानवीय जीवन की मूलभूत सुविधाएं पानी, भोजन और बिजली नहीं देना सामूहिक सजा से कम नहीं है. बाहरी दुनिया के लोग जो मदद करना करना चाहते हैं, उन्हें गाजा से बाहर ही रोक दिया गया. ऐसे में जरूरतमंदों लोगों तक राहत और सहायता सामग्री काफी कम मात्रा में पहुंच रही है. यह न सिर्फ अमानवीय कृत्य है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का साफतौर पर उल्लंघन भी है. इजरायल का मकसद अब उस आबादी से बदला लेने का है, जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है. इजरायली सरकार हमास के कार्यों की तुलना फिलिस्तीनी लोगों से करके गंभीर गलती कर रही है. फिलिस्तीनियों की ओर से की जा रही समस्याओं का हल केवल बातचीत के जरिये ही निकाला जा सकता है. इसके साथ ही साथ इजरायल की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए"
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिखे लेख को कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा "मानवता अब परीक्षण पर है. इजराइल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से कमजोर हो गए थे. इजराइल की असंगत और समान रूप से क्रूर प्रतिक्रिया से अब हम सभी कमजोर पड़ गए हैं. हमारी सामूहिक चेतना को जगाने से पहले और कितनी जानें लेनी होंगी?"
Humanity is on trial now. We were collectively diminished by the brutal attacks on Israel. We are now all diminished by Israel’s disproportionate and equally brutal response.
— Congress (@INCIndia) October 30, 2023
How many more lives will have to be taken before our collective conscience is stirred and awakened?
:… pic.twitter.com/Gx8cD5ofWP
सोनिया गांधी ने इजरायल-हमास में तमाम देशों के रूख को लेकर कहा कि “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई प्रभावशाली देश पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं जबकि उन्हें युद्ध समाप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास की दिशा में आगे कदम बढ़ाना चाहिए. सबसे ऊंची और सबसे शक्तिशाली आवाजें सैन्य गतिविधि को खत्म करके शान्ति स्थापित करने की होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ और यह चक्र जारी रहा तो आने वाले लंबे समय तक इस क्षेत्र में किसी के लिए भी शांति से रहना मुश्किल हो जाएगा."