जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 23 वर्षीय एक युवक का शव एक नाले से बरामद किया गया, जिसे कथित आतंकी संबंधों के बारे में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था. पुलिस का दावा है कि भागने की कोशिश में वह नाले में कूद गया, जबकि उसके परिवार ने हिरासत में मौत का आरोप लगाया है. पीड़ित की पहचान इम्तियाज अहमद के रूप में हुई है, जिसे पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल का सदस्य होने के संदेह में हिरासत में लिया था. पुलिस के अनुसार, वे उसे पहचान के लिए एक ठिकाने पर ले गए, जब वह भागने की कोशिश में तेज बहाव वाले वैशो नाले में कूद गया और डूब गया.
पुलिस के अनुसार, इम्तियाज की भूमिका पहलगाम हमले की जांच के दौरान सामने आई. पुलिस सूत्रों का यह भी दावा है कि इम्तियाज ने पूछताछ के दौरान लश्कर के ठिकाने के बारे में जानकारी होने की बात कबूल की, जिसके बाद उसे उसके बताए स्थान पर ले जाया गया. पुलिस ने बताया कि इसी दौरान वह बचने के लिए वैशो नदी में कूद गया और डूब गया. पुलिस ने ड्रोन फुटेज भी जारी की जिसमें इम्तियाज को तेज धारा में कूदते और बहते हुए दिखाया गया है.
हालांकि, अहमद के परिवार ने पुलिस के घटनाक्रम का कड़ा विरोध किया है तथा इसमें गड़बड़ी का आरोप लगाया है तथा अधिकारियों पर हिरासत में हत्या का आरोप लगाया है. इस घटना की तुलना पहले के एक मामले से की जा रही है, जिसमें कुलगाम से लापता हुए तीन गुज्जर युवकों के शव वैशो नदी से बरामद किए गए थे. उस मामले की जांच अभी भी जारी है.
महबूबा मुफ्ती उठाए सवाल
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह घटना गंभीर सवाल खड़े करती है और उन्होंने अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया. पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, यदि हिंसा का एक भी कृत्य पूरी व्यवस्था को हिला सकता है, मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां, घरों को ध्वस्त करना और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर सकता है, तो इसका मतलब है कि अपराधी पहले ही अपना उद्देश्य हासिल कर चुके हैं.
राज्य की कैबिनेट मंत्री सकीना इटू ने अहमद के घर जाकर घटना की न्यायिक जांच की मांग की. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इटू ने दावा किया कि पुलिस रिकॉर्ड में मृतक के खिलाफ कुछ भी दर्ज नहीं है.