भारत में बड़े आतंकी हमले की साजिश, 'ऑपरेशन सिंदूर' में जिस बहावलपुर को नेस्तानाबूद किया, वहीं लश्कर-जैश के साथ मिलकर ISI ने बनाया नापाक प्लान
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की तैयारी में है.
नई दिल्ली: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की तैयारी में है. इसके तहत जमीन पर हमलों के साथ-साथ साइबर स्पेस पर भी कई तरह के हमले और भ्रामक अभियानों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है. लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को एक संयुक्त ढांचे में काम करने का निर्देश दिया गया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों पर बहु-स्तरीय दबाव बनाया जा सके.
संयुक्त अभियान की नई रणनीति
खुफिया सूत्रों के अनुसार, भविष्य के हमलों को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि दोनों संगठनों के सदस्य एक इकाई की तरह काम करें. यह संयुक्त ढांचा सुरक्षा तंत्र के लिए चुनौती बनने वाला है, क्योंकि इससे उनके मोडस ऑपरेंडी (अपराध की कार्यप्रणाली या तरीके) का अनुमान लगाना कठिन होगा.
जम्मू-कश्मीर प्रमुख लक्ष्य रहेगा
जम्मू-कश्मीर अभी भी इन आतंकी संगठनों का प्रमुख लक्ष्य रहेगा, लेकिन ISI ने देशभर में निष्क्रिय पड़े स्लीपर सेल्स को सक्रिय करने का आदेश दिया है. खुफिया इनपुट बताते हैं कि कई राज्यों में आतंकी मॉड्यूल दोबारा जीवित किए जा रहे हैं, ताकि बड़े शहरों, परिवहन केंद्रों और धार्मिक स्थलों को निशाने पर लिया जा सके. यह पैटर्न इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में हमले केवल सीमावर्ती इलाकों तक सीमित नहीं रहेंगे.
साइबर युद्ध का बढ़ता खतरा
एजेंसियों को मिले इनपुट बताते हैं कि पाकिस्तान ने अपने साइबर यूनिट्स को काफी मज़बूत किया है. इनमें हनी-ट्रैप प्लान, बैंकिंग धोखाधड़ी, डेटा चुराने के अभियान और बड़े पैमाने पर दुष्प्रचार शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार, सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाकर भारत में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश तेज होगी. इस तरह के प्रयासों का लक्ष्य सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान बांटना और समाज में अविश्वास पैदा करना है.
नागपुर सहित कई शहरों में बढ़ी सतर्कता
खुफिया रिपोर्ट के बाद नागपुर में संभावित JeM हमले को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सक्रिय मॉड्यूलों को लेकर भी गंभीर इनपुट मिले हैं. अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयास जानबूझकर धार्मिक तनाव बढ़ाने और साम्प्रदायिक टकराव को हवा देने के लिए किए जा रहे हैं, ताकि आतंकी संगठनों को नए भर्ती मिल सकें.
बहावलपुर बैठक और नई तैयारी
रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में बहावलपुर में LeT और JeM के कमांडरों की बैठक हुई, जिसमें भविष्य की रणनीति तैयार की गई. इसमें देशभर में नए मॉड्यूल तैयार करने और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ बढ़ाने के लिए रावलॉट के लॉन्च पैड सक्रिय करने पर सहमति बनी. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध की क्षमता नहीं रखता, इसलिए वह भारत को भीतर से अस्थिर करने की कोशिशें तेज कर रहा है.