स्पाइसजेट की पुणे-दिल्ली फ्लाइट में आई तकनीकि खराबी, वापस पुणे एयरपोर्ट पर कराई गई इमरजेंसी लेंडिंग

पुणे से दिल्ली जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट को उड़ान भरने के कुछ देर बाद तकनीकी गड़बड़ी के चलते वापस पुणे एयरपोर्ट लौटना पड़ा. पुणे एयरपोर्ट पर बोइंग 737 विमान सुरक्षित रूप से उतरा गया. और सभी पेशेंजर्स को बिना किसी दुर्घटना के सुरक्षित रूप से बाहर निकाला गया.

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Kuldeep Sharma

सोमवार सुबह पुणे से दिल्ली के लिए रवाना हुई स्पाइसजेट की फ्लाइट में बीच हवा में तकनीकी खामी आने से यात्रियों में हड़कंप मच गया.

हालांकि पायलटों की सतर्कता और त्वरित फैसले के चलते विमान को सुरक्षित रूप से पुणे एयरपोर्ट पर उतारा गया. एयरलाइन ने बयान जारी कर यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी तरह का खतरा नहीं हुआ. 

उड़ान के दौरान तकनीकी खामी

जानकारी के मुताबिक स्पाइसजेट की फ्लाइट SG 937, जो बोइंग 737 विमान (रजिस्ट्रेशन VT-SLG) से ऑपरेट हो रही थी, सोमवार सुबह लगभग 6:40 बजे पुणे एयरपोर्ट से रवाना हुई. यह उड़ान करीब 40 मिनट की देरी से शुरू हुई थी. टेकऑफ के कुछ समय बाद ही कॉकपिट क्रू ने ‘फ्लैप ट्रांजिट लाइट’ जलने का संकेत पाया, जो आमतौर पर किसी तकनीकी खराबी का संकेत होता है. इसके बाद मानक प्रक्रिया के तहत सभी जांच की गईं और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए विमान को वापस पुणे एयरपोर्ट ले जाने का निर्णय लिया गया.

सुरक्षित लैंडिंग और राहत

तकनीकी खामी का पता चलने के लगभग एक घंटे बाद विमान को आपातकालीन स्थिति में पुणे एयरपोर्ट पर उतारा गया. लैंडिंग के समय फायर और रेस्क्यू सर्विसेज पूरी तरह अलर्ट पर थीं, लेकिन पायलटों ने स्थिति को संभालते हुए विमान को बिना किसी दिक्कत के सुरक्षित उतारा. सभी यात्री सामान्य प्रक्रिया के तहत विमान से उतरे और किसी को कोई चोट नहीं आई. यात्रियों ने राहत की सांस ली और पायलटों व क्रू की सतर्कता की सराहना की.

एयरलाइन का बयान और यात्रियों की सुविधा

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पाइसजेट ने बयान जारी कर कहा कि यात्रियों की सुरक्षा कभी भी खतरे में नहीं थी. एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि विमान को पूरी तरह सुरक्षित उतारा गया और सभी यात्रियों को सामान्य रूप से बाहर निकाला गया. प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों में समायोजित किया जा रहा है या उन्हें पूरा रिफंड ऑफर किया जा रहा है. कंपनी ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में उनकी प्राथमिकता केवल यात्रियों की सुरक्षा होती है.

विशेषज्ञों ने क्या कहा?

वहीं मामले को लेकर एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की टेक्नीकल खामियां दुर्लभ होती तो हैं पर पायलटों के तुरंत सही निर्णय लेना यात्रियों की जान बचाने में अहम साबित होते हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में सुरक्षा मानक बेहद सख्त हैं. यही वजह है कि तकनीकी खामी के बाद भी विमान को सुरक्षित उतार लिया गया.