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India Daily

'उम्मीद है आदिवासी होने के नाते आप समझेंगी...', सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र

गीतांजलि ने राष्ट्रपति से पूछा, 'क्या जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर पिघलने, शिक्षा सुधार और ग्रामीण नवाचार की बात करना अपराध है? क्या चार साल तक शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से आदिवासी क्षेत्र के उत्थान की आवाज उठाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है?'

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Sonam Wangchuk wife Gitanjali Angmo wrote a letter to President Droupadi Murmu
Courtesy: X

Ladakh Protests: जेल में बंद कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने उनकी आदिवासी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझने की अपील की. यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा गया. गीतांजलि ने सोनम वांगचुक की “बिना शर्त रिहाई” की मांग की, जिन्हें उन्होंने “शांतिपूर्ण गांधीवादी प्रदर्शनकारी” बताया, जो जलवायु परिवर्तन और पिछड़े आदिवासी क्षेत्र के उत्थान के लिए संघर्षरत हैं.

सोनम वांगचुक को पिछले हफ्ते लेह में छठी अनुसूची और लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किया गया. उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की गई और जोधपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया. गीतांजलि ने इसे “उत्पीड़न” करार दिया. उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को लेह के इंस्पेक्टर रिग्जिन गुरमेट ने उन्हें सूचित किया कि वांगचुक को NSA की धारा 3(2) के तहत हिरासत में लिया गया है. 

गिरफ्तारी के बाद पति से कोई संपर्क नहीं

गीतांजलि ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से वह अपने पति से बात नहीं कर पाईं. उन्हें बताया गया था कि ASP ऋषभ शुक्ला जोधपुर पहुंचने पर बात करवाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वांगचुक को हिरासत के समय कपड़े ले जाने की अनुमति नहीं दी गई और उनकी दवाओं और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अस्पष्ट है, खासकर सितंबर 2025 में 15 दिन के उपवास के बाद उनकी कमजोर शारीरिक स्थिति को देखते हुए.

 HIAL और उत्पीड़न के आरोप

गीतांजलि, जो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स (HIAL) की संस्थापक और CEO हैं, ने दावा किया कि उनके संस्थान के दो सदस्यों को पिछले तीन दिनों में बिना कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया. साथ ही, उन्हें फ्यांग गांव में CRPF की निगरानी में रखा गया. 

क्या जलवायु परिवर्तन की बात करना अपराध

गीतांजलि ने राष्ट्रपति से पूछा, “क्या जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर पिघलने, शिक्षा सुधार और ग्रामीण नवाचार की बात करना अपराध है? क्या चार साल तक शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से आदिवासी क्षेत्र के उत्थान की आवाज उठाना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है?” उन्होंने कहा कि देशभर के लोग उनके समर्थन में हैं और केंद्र सरकार की कार्रवाई से स्तब्ध हैं.