Sonam Wangchuk arrested: लेह में लद्दाखी युवाओं और स्थानीय समुदायों में हिंसा फैलने के बाद सुरक्षा बलों ने कार्रवाई तेज कर दी है. इसी क्रम में प्रसिद्ध क्लाइमेट एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को NSA के तहत गिरफ्तार किया गया. उनके समर्थन में चल रहे भूख हड़ताल आंदोलन और उकसाने वाले बयानों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी थी. सरकार ने उन्हें हिंसा भड़काने का मुख्य कारण बताया.
पुलिस पार्टी के नेतृत्व में लेह के DGP एस डी सिंह जमवाल ने शुक्रवार दोपहर 2.30 बजे वांगचुक को हिरासत में लिया. बताया जा रहा है कि उन्हें लेह से बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक के बयानों और गतिविधियों ने लद्दाख में तनावपूर्ण माहौल पैदा किया, जिसमें चार लोगों की मौत और कई घायल हुए.
सोनम वांगचुक कई दिनों से भूख हड़ताल पर थे. मंत्रालय ने कहा कि कई नेताओं ने उन्हें भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इसे जारी रखा और अरब स्प्रिंग और नेपाल के जन-जेनरेशन आंदोलनों का हवाला देकर लोगों को भड़काया. हिंसा के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी और अपने गांव के लिए एम्बुलेंस में रवाना हो गए.
केंद्र ने उनके संगठन SECMOL का FCRA लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. मंत्रालय ने बताया कि स्वीडन से आए कुछ फंड ट्रांजेक्शन 'राष्ट्रीय हित के खिलाफ' पाए गए. वांगचुक ने इसे केंद्र की 'बलि का बकरा' बनाने की कार्रवाई बताया और कहा कि उनके NGO को विदेशी फंडिंग प्राप्त नहीं हुई. CBI ने कहा कि प्रारंभिक जांच दो महीने पहले शुरू हुई थी. उन्होंने लेह हिंसा की भी निंदा की. इसी के साथ उन्होंने बुधवार को हिंसा के बाद दो हफ्ते से चल रहा अपना अनशन भी समाप्त कर दिया था.
केंद्र और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच नई बातचीत 6 अक्टूबर को होने वाली है. इसमें लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस के सदस्य शामिल होंगे. लद्दाख में हुए प्रदर्शन और हिंसा में अब तक चार लोग मारे गए और 50 लोग घायल हुए हैं. प्रशासन का उद्देश्य शांति बहाल करना और भविष्य में हिंसा को रोकना है.