कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ऑपरेशन सिंदूर मामले में गिरफ्तार 22 वर्षीय छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को अंतरिम जमानत दे दी है. पनोली को 31 मई को गिरफ्तार किया गया था. जमानत की शर्तों के तहत, उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है. साथ ही उन्हें 10,000 रुपए की राशि जमा करने का भी निर्देश दिया गया है.
उच्च न्यायालय ने कोलकाता पुलिस को पनोली द्वारा अपनी सुरक्षा को खतरे के संबंध में दायर याचिका पर कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है जिसे उन्होंने गिरफ्तारी से पहले उठाया था. पुणे की चौथे वर्ष की लॉ छात्रा पनोली को 30 मई को गुरुग्राम में गिरफ़्तार किया गया था, जब कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले एक वीडियो पोस्ट किया.
कोलकाता की एक अदालत ने उसे 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इससे पहले शर्मिष्ठा पनोली के पिता पृथ्वीराज ने कोलकाता पुलिस के इस दावे का खंडन किया था कि उनकी बेटी फरार है.
पनोली ने वीडियो डिलीट कर दिया था और बिना शर्त माफ़ी भी मांगी थी, लेकिन तब तक उनके खिलाफ़ कई एफ़आईआर दर्ज हो चुकी थीं. बाद में हाई कोर्ट ने कहा कि इन सभी एफ़आईआर को एक केस में जोड़ दिया जाएगा, जिसकी जांच कोलकाता में होगी. इसके बाद अगली सुनवाई गुरुवार को हुई और पनोली को अंतरिम ज़मानत मिल गई.