RSS Chief on Russia Ukraine War: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (10 नवंबर) को एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के बीच चल रहे संघर्षों को ध्यान में रखते हुए तीसरे विश्व युद्ध के खतरे पर चिंता जताई. मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में दिवंगत संघ महिला नेता डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान भागवत ने कहा, "हम सभी को यह महसूस हो रहा है कि तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. यह युद्ध कहीं यूक्रेन में तो कहीं गाजा में शुरू हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने विज्ञान की प्रगति पर भी टिप्पणी की, लेकिन साथ ही उन्होंने यह दुख जताया कि इसका लाभ अभी तक दुनिया के गरीबों तक नहीं पहुंच सका है. उन्होंने कहा, "विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका फायदा आज भी दुनिया के गरीबों तक नहीं पहुंचा है, और दुनिया को नष्ट करने वाले हथियार हर जगह मौजूद हैं.
पर्यावरण और स्वास्थ्य की स्थिति पर चिंता
आरएसएस प्रमुख ने पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "पर्यावरण इस हद तक खराब हो चुका है कि यह अब बीमारियों का कारण बन रहा है. कुछ बीमारियों की दवाइयां ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं हो सकतीं, लेकिन देशी रिवॉल्वर (देशी कट्टा) आसानी से मिल जाता है. इस बयान से यह साफ होता है कि भागवत पर्यावरणीय असंतुलन और सुरक्षा संकट के गंभीर परिणामों को लेकर चिंतित हैं.
हिंदू धर्म और मानवता की सेवा
मोहन भागवत ने अपने व्याख्यान में यह भी कहा कि "मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है. उन्होंने हिंदुत्व की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह दुनिया को सही दिशा दिखाने की क्षमता रखता है.भागवत ने कहा कि "हिंदू शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से बहुत पहले से मौजूद था. इसे पहली बार गुरु नानक देव ने सार्वजनिक रूप से पेश किया था.