जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में सुरक्षाबलों को पहली कामयाबी मिल गई है. इस हमले के लगभग 10 दिन बाद आतंकियों की मदद करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षाबलों की ओर से बताया गया है कि यह हमले का मास्टरमाइंड तो नहीं है लेकिन इसने अहम भूमिका निभाई है. हैरानी की बात यह है कि इस मामले में आतंकियों की मदद करने वाला आदमी घर का भेदी है यानी वह भी भारत का ही रहने वाला है. हाल ही में इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है. बता दें कि इस आतंकी हमले में कुल 9 लोगों की मौत हो गई थी और 33 लोग घायल हुए थे. इन लोगों की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिससे बस गहरी खाई में जा गिरी थी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी की है. पुलिस के अधिकारी मोहिता शर्मा का कहना है, 'गिरफ्तार किया गया शख्स रियासी आतंकी हमले का मास्टमाइंड तो नहीं है लेकिन उसने इस हमले में अह भूमिका निभाई थी.' पुलिस के मुताबिक, राजौरी के रहने वाले हाकिम डार ने आतंकियों को सामान मुहैया कराए थे. बता दें कि 9 जून को शिवखोड़ी से कटरा की ओर लौट रही इस बस पर हमला किया गया था. इस मामले के मुख्य आरोपी का स्केच भी जारी किया गया था लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
यह वही दिन था जिस दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण हो रहा था. 9 जून को हुए इस आतंकी हमले के बाद डोडा और कठुआ में भी आतंकी हमले हुए. उसके बाद से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं और लगातार उन आतंकियों की तलाश की जा रही है जिन्होंने रियासी में इस खूनखराबे को अंजाम दिया. वहीं, कठुआ में हुए हमले में शामिल रहे दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में मार गिराया था. इसी मामले में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक हाई लेवल मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग के बाद ही रियासी हमले की जांच NIA को सौंप दी गई थी.
बता दें कि 9 जून के बाद से घाटी में सुरक्षाबल एक्टिव हैं और हर दिन कहीं न कहीं एनकाउंटर हो रहा है. अधिकारियों ने भी कहा है कि इन हमलों में शामिल रहे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा. साथ ही, इस बात की जांच भी की जा रही है कि आखिर रियासी तक ये आतंकी कैसे पहुंचे और इनके पास इतने हथियार कहां से आए. आज भी पुंछ के बुफलियाज सेक्टर में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है. महारा के जंगलों में भी सुरक्षाबल लगातार छानबीन कर रहे हैं.