menu-icon
India Daily

SCO शिखर सम्मेलन में राजनाथ सिंह की दो टूक, आतंकवाद, सीमा विवाद पर चीन को दिया 4 पॉइंट्स फॉर्मूला

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए सभी एससीओ सदस्य देशों से इसके खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का आह्वान किया.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Rajnath Singh
Courtesy: Social Media

चीन के चिंगदाओ में गुरुवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ मजबूत वैश्विक एकजुटता की वकालत की. इस महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा, बल्कि अपने चीनी समकक्ष डोंग जून के साथ द्विपक्षीय वार्ता में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा भी दृढ़ता से उठाया.

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए सभी एससीओ सदस्य देशों से इसके खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का आह्वान किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इसे किसी भी देश द्वारा प्रायोजित, समर्थित या संरक्षित नहीं किया जाना चाहिए. इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत की उस सैद्धांतिक स्थिति को दर्शाता है, जो सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है.

भारत-चीन संबंधों पर भी चर्चा की

चीन के रक्षा मंत्री डोंग जून के साथ मुलाकात में राजनाथ सिंह ने भारत-चीन संबंधों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचना चाहिए, जो नई जटिलताएं पैदा करे. खास तौर पर, भारत-चीन सीमा पर लंबे समय से चले आ रहे तनाव के संदर्भ में उन्होंने तनाव कम करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए. राजनाथ ने जोर दिया कि सीमा पर शांति और स्थिरता दोनों देशों के हित में है और इसे सुनिश्चित करने के लिए आपसी विश्वास और संवाद को मजबूत करना होगा.

चीन को दिया फॉर्मूला 

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन, दोनों ही उभरती अर्थव्यवस्थाएं और वैश्विक शक्तियां हैं, जिनके पास क्षेत्रीय और वैश्विक शांति में योगदान देने की बड़ी जिम्मेदारी है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संवाद को बढ़ाने की वकालत की ताकि आपसी मतभेदों को सुलझाया जा सके. एससीओ शिखर सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण और समावेशी विश्व व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है और एससीओ के मंच का उपयोग क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए किया जाना चाहिए.