कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को खुली बहस की चुनौती दी थी. अब इसपर बीजेपी की तरफ से प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी ने उनके चुनावी ज्ञान पर सवाल उठाए और कहा कि वह न तो पार्टी की अध्यक्ष हैं और न ही विपक्ष के नेता तो फिर राहुल गांधी किस हैसियत से मोदी के साथ बहस की बात कर रहे हैं. एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा कि गांधी किस हैसियत से मोदी से बहस करना चाह रहे हैं क्योंकि वह उनकी पार्टी के महज एक सांसद हैं.
बीजेपी की तरफ से यह टिप्पणी तब आई है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा था कि उन्हें या पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को इस तरह की चर्चा में भाग लेने में खुशी होगी और उन्होंने उम्मीद जताई कि पीएम मोदी भी इसमें हिस्सा लेंगे. राहुल ने एक्स पर लिखा, ''प्रमुख पार्टियों के लिए स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक मंच से देश के सामने अपनी सोच प्रस्तुत करना एक सकारात्मक पहल होगी.'' उन्होंने यह भी कहा कि देश को उम्मीद है कि मोदी बहस में भाग लेंगे.
राहुल की पोस्ट न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजीत पी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम के जवाब में थी, जिन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में उन्हें और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रमुख मुद्दे पर बहस के लिए एक मंच पर आमंत्रित किया था.
राहुल ने कहा कि कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा का निमंत्रण स्वीकार करती है. हम इस बात से सहमत हैं कि इस तरह की बहस से लोगों को हमारे संबंधित दृष्टिकोण को समझने में मदद मिलेगी और वे एक सूचित विकल्प चुनने में सक्षम होंगे. हमारी संबंधित पार्टियों पर लगाए गए किसी भी निराधार आरोप पर लगाम लगाना भी महत्वपूर्ण है. चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं से सुनने की हकदार है.
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