GBS Cases: महाराष्ट्र के पुणे जिले में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 59 हो गई. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मामलों की जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को पुणे जिले में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 59 दर्ज की गई है. केवल एक ही दिन में 35 नए मामले सामने आए हैं. वहीं मंगलवार को विभिन्न निजी अस्पतालों में 24 मामले दर्ज किए गए थे.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसा संदिग्ध मामलों में पुणे ग्रामीण से 33, पुणे से 11 और पिंपरी-चिंचवाड़ नगरपालिका सीमा से 12 मामले पाए गए हैं. पड़ोसी जिलों के तीन मरीजों का भी इलाज पुणे में किया जा रहा है. बताए गए डाटा के मुताबिक प्रभावित लोगों में 39 पुरुष और 20 महिलाएं हैं. इन सभी मरीजों में 12 मरीज वर्तमान में शहर के विभिन्न अस्पतालों में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं की संयुक्त निदेशक ने बताया कि राज्य रैपिड रिस्पांस टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और निगरानी शुरू कर दी गई है. मरीजों के मल और रक्त के नमूने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे भेजे गए हैं. प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूनों का राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में विश्लेषण किया जा रहा है. इसके अलावा लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. निजी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि वे जीबीएस के किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना दें.
डॉक्टरों द्वारा मरीजों और उनके परिवार वालों को न घबराने की सलाह दी गई है. साथ ही उन्होंने भरोसा जताया है कि स्वास्थ्य विभाग निवारक उपायों के साथ तैयार है. अधिकारियों ने पुष्टि की कि प्रकोप का संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार के माध्यम से स्थिति की जानकारी ली. पुलकुंडवार ने अपनी ओर से पीएमओ को प्रकोप को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया. पीएमसी की स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. नीना बोराडे का कहना है कि इस बीमारी से ग्रसित अधिकांश रोगियों का इतिहास बाहर का खाना या पानी पीने का रहा है.