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India Daily

'स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें...,' ब्रिटेन में बढ़ते खालिस्तान के खतरे पर बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए हम प्रधानमंत्री स्टार्मर और उनकी सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. हमारी एकमत राय है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की कोई जगह नहीं है.

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Edited By: Mayank Tiwari
PM Modi With UK PM Keir Starmer
Courtesy: X@narendramodi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (24 जुलाई) को लंदन में अपने यूके समकक्ष कीर स्टार्मर को कड़ा संदेश दिया, जिसमें उन्होंने "चरमपंथी विचारधारा" के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया, जो "लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर करती है." यह बयान ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों के बढ़ते प्रभाव के बीच आया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन में भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "हम प्रधानमंत्री स्टार्मर और उनकी सरकार को पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा के लिए धन्यवाद देते हैं. हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "हम इस बात पर भी सहमत हैं कि चरमपंथी विचारधारा वाले तत्वों को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. जो लोग लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का उपयोग लोकतंत्र को ही कमजोर करने के लिए करते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण पर सहयोग

विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा, "आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण के संबंध में, हमारी एजेंसियां समन्वय और सहयोग के साथ काम करेंगी." यह बयान भारत और यूके के बीच बढ़ते सामरिक सहयोग को दर्शाता है.

खालिस्तानी चरमपंथ पर चिंता

दरअसल, इस साल की शुरुआत में, यूके के गृह कार्यालय की एक लीक रिपोर्ट में खालिस्तानी चरमपंथ को ब्रिटेन में उभरते चरमपंथी खतरों में शामिल किया गया था. हालांकि, इस रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवाद को भी खतरे के रूप में जिक्र किया गया था, जिसे भारत ने आलोचना की थी. विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमने इस मामले पर कुछ रिपोर्टें देखी हैं. यूके से उत्पन्न होने वाली अलगाववादी और चरमपंथी खतरे की प्रकृति सर्वविदित है. इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए या गलत तरीके से समकक्ष नहीं ठहराया जाना चाहिए."