Veer Savarkar Birth Anniversary: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हिंदुत्व विचारक और स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने अपने 'X' पोस्ट में लिखा, 'वीर सावरकर जी को कोटि-कोटि नमन, मां भारती के सच्चे सपूत. विदेशी हुकूमत की कठोर यातनाएं भी उनके देशभक्ति के जज्बे को नहीं तोड़ सकीं.
उनका त्याग और समर्पण, विकसित भारत के निर्माण में प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.' पीएम मोदी ने सावरकर के त्याग, साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण को भारत के भविष्य के लिए मार्गदर्शक बताया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 'X' पोस्ट के माध्यम से वीर सावरकर को श्रद्धांजलि दी और कहा, 'स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी ने समाज को छुआछूत से मुक्त कर एकता के सूत्र में बांधने के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया. ब्रिटिश शासन की क्रूरतम यातनाएं भी उन्हें डिगा नहीं सकीं. उनके विचारों ने राष्ट्रीय चेतना को नया आयाम दिया.'
विनायक दामोदर सावरकर, जिन्हें वीर सावरकर के नाम से जाना जाता है, का जन्म 28 मई 1883 को नासिक में हुआ था. वे एक स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, वकील और हिंदुत्व के वैचारिक शिल्पकार थे. उन्होंने 'हिंदुत्व' शब्द को परिभाषित कर भारतीय राष्ट्रवाद को नया दर्शन दिया.
भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। विदेशी हुकूमत की कठोर से कठोर यातनाएं भी मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण भाव को डिगा नहीं पाईं। आजादी के आंदोलन में उनके अदम्य साहस और संघर्ष की गाथा को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता। देश के लिए… pic.twitter.com/3OsxSN905I
— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2025
सावरकर का ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों में गहरा योगदान रहा. फर्ग्यूसन कॉलेज, पुणे में पढ़ाई के दौरान ही वे राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़ गए. बाद में, इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान 'इंडिया हाउस' और 'फ्री इंडिया सोसायटी' जैसे क्रांतिकारी संगठनों से जुड़े. उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘1857 का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ ब्रिटिश शासन द्वारा प्रतिबंधित कर दी गई थी.
मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए साहस और संयम की पराकाष्ठा पार करने वाले स्वातंत्र्यवीर सावरकर जी ने राष्ट्रहित को अखिल भारतीय चेतना बनाने में अविस्मरणीय योगदान दिया। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को अपनी लेखनी से ऐतिहासिक बनाने वाले सावरकर जी की मातृभूमि के प्रति निष्ठा और समर्पण को… pic.twitter.com/djDNWOYLOc
— Amit Shah (@AmitShah) May 28, 2025
वीर सावरकर न केवल क्रांतिकारी विचारक थे, बल्कि सामाजिक सुधारक भी थे. उन्होंने जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई. भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें प्रेरणा स्रोत मानते हैं, जबकि कुछ विपक्षी दल उनके विचारों की आलोचना करते रहे हैं.