प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों से मुलाकात की, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को उजागर करने के लिए हाल ही में 30 से अधिक देशों की यात्रा पर गए थे. यह बैठक दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर हुई. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में विभिन्न दलों के सांसद, पूर्व सांसद और वरिष्ठ राजनयिक शामिल थे, जिन्होंने अपने आउटरीच के दौरान विदेशी नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के अपने अनुभव साझा किए.
ये प्रतिनिधिमंडल पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत की प्रतिक्रिया की ओर ध्यान आकर्षित करने के भारत के कूटनीतिक अभियान के हिस्से के रूप में भेजे गए थे. प्रत्येक समूह ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को रेखांकित करने और वैश्विक शांति के लिए देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए दुनिया भर की प्रमुख राजधानियों का दौरा किया.
Prime Minister Narendra Modi today hosted members of the various delegations who went to various countries, at 7, Lok Kalyan Marg. Delegation members talked about their meetings in different nations.
— ANI (@ANI) June 10, 2025
The delegations, consisting of MPs from across Party lines, former MPs and… pic.twitter.com/NjCXuIGodS
एक सरकारी अधिकारी ने पहले कहा था, इस यात्रा का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित करना और यह सुनिश्चित करना था कि वैश्विक समुदाय आतंकवाद पर भारत की एक आवाज सुने. यह यात्रा सीमा पार आतंकवाद को कम करके कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के प्रयासों का मुकाबला करने के एक बड़े प्रयास का हिस्सा है.
पूरी दुनिया में पाक को किया बेनकाब
इस आउटरीच मिशन में 50 से ज़्यादा लोग शामिल थे, जिनमें मौजूदा और भूतपूर्व सांसद और भूतपूर्व राजनयिक शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले नेताओं में भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जेडी(यू) के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी(एसपी) की सुप्रिया सुले शामिल थे. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखने के लिए अलग-अलग देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा गया था.