नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से पिनाका लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेट (एलआरजीआर 120) का पहला उड़ान परीक्षण किया. रॉकेट का परीक्षण उसकी अधिकतम 120 किलोमीटर की रेंज के लिए किया गया, जिसमें योजना के अनुसार सभी उड़ान संबंधी गतिविधियाँ प्रदर्शित हुईं. एलआरजीआर ने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा.
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा किया गया सफल परीक्षण उस दिन हुआ जब रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने सेना की पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट प्रणाली (एमएलआरएस) के लिए लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेट गोला बारूद सहित 79,000 करोड़ रुपये के सैन्य हार्डवेयर की खरीद के लिए अपनी प्रारंभिक मंजूरी दी.
मंत्रालय ने बताया कि तैनात सभी रेंज उपकरणों ने पूरी उड़ान के दौरान रॉकेट पर नज़र रखी. इस रॉकेट को आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला और इमारत अनुसंधान केंद्र के समर्थन से डिजाइन किया है.
लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेटों (एलआरजीआर) को सेवा में मौजूद पिनाका लॉन्चर से लॉन्च किया गया, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ और एक ही लॉन्चर से अलग-अलग रेंज के पिनाका वेरिएंट को लॉन्च करने की क्षमता स्थापित हुई. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी और कहा कि लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेटों के सफल डिजाइन और विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि होगी.