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India Daily

मराठी भाषा की आड़ में गुंडागर्दी...राज ठाकरे की बढ़ी मुश्किल, सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया मामला

याचिका में दावा किया गया है कि एमएनएस कार्यकर्ताओं ने हाल के दिनों में कई घटनाओं में हिंदी भाषी लोगों पर हमले किए और उनकी दुकानों व संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
PIL filed in Supreme Court against Raj Thackeray for inciting violence over Marathi language dispute

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है. इस याचिका में उन पर हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने और नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है, क्योंकि उनके भाषणों और कार्यों से महाराष्ट्र में भाषा विवाद को लेकर तनाव बढ़ा है.

लोगों को सड़कों पर उतरने को उकसाते हैं राज ठाकरे के भाषण

याचिका में दावा किया गया है कि एमएनएस कार्यकर्ताओं ने हाल के दिनों में कई घटनाओं में हिंदी भाषी लोगों पर हमले किए और उनकी दुकानों व संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. यह विवाद विशेष रूप से उन लोगों को निशाना बनाता है जो मराठी नहीं बोलते. याचिका में कहा गया है, "राज ठाकरे के भाषण लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाते हैं. जो शुरू में हिंदी का विरोध था, वह अब गैर-मराठी भाषियों पर मराठी थोपने की कोशिश में बदल गया है."

हिंदी थोपी गई तो बंद कर देंगे स्कूल

शुक्रवार को एक रैली में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध किया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तीन-भाषा नीति की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों पर हिंदी थोपी गई तो उनकी पार्टी "स्कूलों को बंद कर देगी." उन्होंने एमएनएस कार्यकर्ताओं को "महाराष्ट्र के सैनिक" बताते हुए कहा कि वे मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा करने में गर्व महसूस करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बाकी

यह जनहित याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुई है. इस मामले ने महाराष्ट्र में भाषा और क्षेत्रीय पहचान को लेकर चल रहे विवाद को और गर्म कर दिया है.