Pralhad Joshi Reply To Sonia Gandhi Letter: कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा. पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी सोनिया गांधी ने 9 मुद्दे उठाए हैं. इनमें महंगाई, एमएसएमई, बेरोजगारी, किसानों की मांग, अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग, जातीय जनगणना, केंद्र-राज्य संबंध, चीन सीमा और सामाजिक सद्भाव जैसे मुद्दे शामिल थे. अब सोनिया गांधी के इस पत्र का जवाब संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिया है. प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने सोनिया गांधी को लिखे जवाबी पत्र में उन पर ‘लोकतंत्र के मंदिर’ के कामकाज का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद ही 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र आहूत किया गया है.
विचार-विमर्श किए बिना बुलाया गया सत्र
बता दें कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया गांधी कहा था कि मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया. इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है. उन्होंने ये भी कहा था कि हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं, क्योंकि इससे हमें लोगों से संबंधित और महत्व के मामलों को उठाने का मौका मिलेगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा.
सत्र में 'पूर्ण सहयोग' की अपेक्षा
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोनिया गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने जिन मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की है, उन सभी के बारे में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार की ओर से जवाब दिया जा चुका है. केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि विशेष सत्र के दौरान संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष से सत्र में 'पूर्ण सहयोग की अपेक्षा भी की.
Yet another desperate attempt by Sonia Gandhi and the Congress Party to create an issue out of nothing.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) September 6, 2023
The government has convened the session as per the provisions of the constitution and the due procedure has been followed.
ಸಂಸದೆ ಸೋನಿಯಾ ಗಾಂಧಿ ಹಾಗೂ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಪಕ್ಷ ವಿವಾದ… pic.twitter.com/cNIwvEzA2c
'अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास'
प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण कर रही हैं और जहां कोई विवाद नहीं है वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं.' उन्होंने संसद सत्र बुलाए जाने की प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि ‘पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया’ का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्म द्वारा 18 सितंबर से आरंभ होने वाला सत्र बुलाया गया है.
दिया गया था सरकार की तरफ से जवाब
प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है. संसद सत्र बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और ना कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है.’ उन्होंने सोनिया गांधी को याद दिलाया कि सत्र आरंभ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है. उन्होंने ये भी कहा कि वैसे तो मौजूदा सरकार ‘किसी भी मुद्दे’ पर हमेशा चर्चा करने के लिए तैयार रहती है लेकिन जिन मुद्दों का उल्लेख पत्र में किया है, उन सभी मुद्दों को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मानसून सत्र में उठाया गया था. ‘सरकार की तरफ से जवाब भी दिया गया था.’
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