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Haryana Political Crisis: क्या सैनी सरकार पर मंडरा रहा खतरा? दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से की ये मांग

Haryana Political Crisis: हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों की ओर से नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद दुष्यंत चौटाला ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है. रोहतक के विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि कांग्रेस भी राज्यपाल से मिलेगी और फ्लोर टेस्ट का अनुरोध करेगी. 

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Haryana Political Crisis Dushyant Chautala seeks floor test writes to governor

Haryana Political Crisis: हरियाणा में भाजपा सरकार के खिलाफ जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग की है. दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को घोषणा की कि उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग की है. कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने कहा कि वे भी राज्यपाल से मिलने का समय मांगेंगे. 

हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम चौटाला ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों की गंभीरता, हरियाणा में स्थिरता बहाल करने और लोकतांत्रिक मानदंडों को बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मैंने राज्यपाल से अपील की है. उन्होंने कहा कि सरकार के बहुमत को निर्धारित करने के लिए तुरंत फ्लोर टेस्ट के लिए उपयुक्त प्राधिकारी को निर्देश देने के लिए मैं आदरपूर्वक महामहिम से आपके संवैधानिक विशेषाधिकार का उपयोग करने का आग्रह करता हूं.

हरियाणा में 25 मई को सभी 10 सीटों पर होगी वोटिंग

हरियाणा में 25 मई को सभी 10 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. चुनाव से कुछ दिन पहले नीलोखेर से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर, पुंडरी से रणधीर गोलन और दादरी से सोमबीर सांगवान ने नायब सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. अब पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. 

उन्होंने आज कहा कि जेजेपी ने खुले तौर पर घोषणा की है कि अगर विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है, तो हम वर्तमान सरकार के खिलाफ विपक्ष का समर्थन करेंगे. अन्य विपक्षी विधायक जो भाजपा सरकार को बदलना चाहते हैं , बहुमत खो चुकी वर्तमान सरकार को गिराना चाहते हैं, उन्हें भी राज्यपाल को पत्र लिखना चाहिए. हमने राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है. सदन की वर्तमान ताकत 88 है और सरकार को बहुमत के आंकड़े 45 तक पहुंचना है. महामहिम राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट कराना होगा. हम देखेंगे कि कितने विधायक सरकार या विपक्ष का समर्थन करते हैं.

भाजपा पर चौटाला ने लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप

दुष्यंत चौटाला ने भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कहा कि हम सोचते थे कि खरीद-फरोख्त बंद हो गई है लेकिन बीजेपी ने इसे अलग तरीके से राज्य में दोबारा शुरू कर दिया है. ऐसे समय में जब व्हिप जारी किया जाता है, तो सभी पार्टी विधायकों को इसका विधिवत पालन करना होता है और उसके अनुसार मतदान करना होता है. मैं दोहराऊंगा कि पिछला अविश्वास प्रस्ताव मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाया गया था. ये राज्यपाल को देखना है कि क्या वह फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं और यह भी देखना है कि वर्तमान सरकार के पास बहुमत है या नहीं. यदि सरकार सदन में अपना बहुमत साबित करने में विफल रहती है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.

हरियाणा विधानसभा में क्या है आंकड़ों की स्थिति?

88 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं. छह निर्दलीय, इंडियन नेशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं. करनाल और रानिया विधानसभा क्षेत्रों की दो सीटें मनोहर लाल खट्टर और रणजीत सिंह के करनाल और हिसार से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार बनने के लिए इस्तीफा देने के बाद खाली हैं.

राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में, चौटाला ने कहा कि मार्च 2024 में सैनी के पदभार संभालने के बाद, सरकार ने कई स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से विधानसभा में अपना बहुमत प्रदर्शित किया था. इसके बाद, एक निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने इस्तीफा दे दिया और उनका इस्तीफा 30 अप्रैल, 2024 को स्वीकार कर लिया गया. हाल के घटनाक्रम में उन छह स्वतंत्र विधायकों में से तीन ने अपना समर्थन वापस ले लिया है, जिन्होंने पहले मार्च 2024 में सरकार को अपना समर्थन दिया था.

एक दिन पहले भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कही थी ये बात

एक दिन पहले यानी बुधवार को भूपिंदर सिंह हुड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा था कि अगर चौटाला राज्यपाल को पत्र लिखते हैं और राज्यपाल के सामने अपने विधायकों की परेड कराते हैं, तो हुड्डा भी रोहतक विधायक बत्रा के नेतृत्व में एक कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे और वर्तमान सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे. 

उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से मिलने का समय भी मांग रहे हैं. आज या कल या किसी भी दिन जब भी वह हमें समय देंगे, हम राजभवन जाकर उनसे मुलाकात भी करेंगे. बत्रा ने गुरुवार को कहा, मैं कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा और उनसे राज्य सरकार को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देने का अनुरोध करूंगा.