Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट जारी किया. अब इस बजट पर सदन में चर्चा चल रही है. विपक्ष बजट को लेकर मोदी सरकार पर पूरी तरीके से हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बजट को कुर्सी बचाने वाला बजट बताया है, वहीं सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारी और महंगाई के समाधान के लिए कुछ भी नहीं है. हाल ही में राज्यसभा में चर्चा के दौरान पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था के सामने चुनौती बनकर खड़े चार मुद्दों को उठाया.
बेरोजगारी
चिदंबरम ने देश की मौजूदा बेरोजगारी दर पर चिंता व्यक्त की. सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, जून 2024 में भारत की बेरोजगारी दर 9.2% रही. उन्होंने नौकरियां उत्पन्न करने में PLI स्कीम की प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए वित्त मंत्री से मांग की कि इस योजना के तहत उत्पन्न होने वाली नौकरियों के आंकड़ों में पारदर्शिता रखी जाए.
ELI पर जताई चिंता
कांग्रेस नेता ने हाल ही में शुरू की गई रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ELI) योजना पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक प्रेरणादायक विचार है हमें इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा कि आप अपने वादे के अनुसार इस स्कीम के तहत 290 लाख लोगों को नौकरियां दे पाएंगे.
रिजर्व बैंक का डेटा
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2024 में 4.67 करोड़ नौकरियों के सृजित होने के दावे पर भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुलिस की सीमित नौकरियों के लिए लाखों लोगों ने आवेदन किया जो बताता है कि नौकरियों को लेकर कितनी मारामारी है.
महंगाई
पी चिदंबरम ने महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. उन्होंने महंगाई को लेकर अपने बजट भाषण में केवल 10 शब्द कहने के लिए वित्त मंत्री की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'क्या मुद्रास्फीति इतना मामूली विषय है कि आप इससे लापरवाही से निपट सकते हैं और इसे मात्र 10 शब्दों में खत्म कर सकते हैं.'