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India Daily

पाकिस्तान का नंबर, लादेन का भाषण, पुणे से गिरफ्तार किए गए इंजीनियर के फोन ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे

एटीएस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी के विदेशी संपर्क किस हद तक आतंकी संगठनों से जुड़े थे और क्या इसका कोई कनेक्शन दिल्ली ब्लास्ट केस से है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Accused Zubair Hangargekar
Courtesy: @english_ritam

महाराष्ट्र आतंकवाद-निरोधक दस्ते (ATS) ने हाल ही में गिरफ्तार किए गए पुणे के सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर से जुड़ी जांच में चौंकाने वाले सबूत बरामद किए हैं. एटीएस की जांच में सामने आया है कि आरोपी जुबैर हंगरगेकर के फोन में ओसामा बिन लादेन का ईद-उल-फितर पर दिया गया भाषण उर्दू अनुवाद में सेव था.

उसके फोन से कुछ डिलीटेड पीडीएफ फाइलें भी मिलीं, जिनके नाम ‘अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट एंड ऑल इट्स मैनिफेस्टेशन्स’ बताए गए. अधिकारियों का कहना है कि आरोपी इन फाइलों का इस्तेमाल कट्टरपंथी विचार फैलाने में करता था.

‘इंस्पायर’ मैगजीन और बम बनाने की जानकारी मिली

जांच में एटीएस को ‘इंस्पायर’ नामक मैगजीन भी बरामद हुई, जिसमें एके-47 की ट्रेनिंग और एसीटोन पेरऑक्साइड से आईईडी बनाने की विधि बताई गई थी. यह मैगजीन कथित तौर पर ‘ओएसजी बम स्कूल’ से जुड़ी हुई बताई जा रही है. एटीएस ने बताया कि आरोपी आतंकी विचारधारा से प्रभावित होकर लोगों को गुमराह कर रहा था और कट्टर भाषण देता था.

ठाणे और पुणे में एटीएस की छापेमारी

एटीएस ने मंगलवार को ठाणे के मुंब्रा और पुणे के कोंढवा इलाके में दो जगह छापेमारी की. इनमें से एक ठिकाना एक शिक्षक का बताया गया है, जिसे पूछताछ के लिए बुलाया गया. अधिकारियों ने कहा कि शिक्षक न तो आरोपी है और न ही गवाह, पर उससे जुबैर की गुप्त बैठकों के बारे में पूछताछ की गई है.

फोन में मिले विदेशी संपर्क, पाकिस्तान का नंबर भी शामिल

एटीएस ने आरोपी का एक पुराना मोबाइल जब्त किया, जिसमें पांच अंतरराष्ट्रीय नंबर सेव थे—एक पाकिस्तान का, दो सऊदी अरब के, एक कुवैत और एक ओमान का. हालांकि कॉल डिटेल रिकॉर्ड में इन नंबरों पर किसी कॉल का सबूत नहीं मिला. अधिकारी अब इन संपर्कों की सत्यता की जांच कर रहे हैं.

दिल्ली ब्लास्ट से लिंक नहीं, एटीएस ने किया साफ

एटीएस ने स्पष्ट किया कि जुबैर हंगरगेकर की गिरफ्तारी और तलाशी का दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट से कोई संबंध नहीं है. जांच अधिकारी अब यह पता लगा रहे हैं कि क्या आरोपी के संपर्कों के जरिए महाराष्ट्र से किसी आतंकी नेटवर्क को समर्थन मिल रहा था. फिलहाल आरोपी से लगातार पूछताछ की जा रही है.