'ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा सबूत,' बहावलपुर मस्जिद पर हुआ था सीधा हमला, सैटेलाइट तस्वीरें से खड़े हो जाएंगे रोंगटे

हमले के बाद की सैटेलाइट तस्वीरों की पहली झलक सामने आई है. दोनों में तस्वीरों में अंतर को देखा जा सकता है. मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा प्राप्त उपग्रहीय दृश्य बहावलपुर और मुरीदके के स्थलों की पहले और बाद की तुलना दर्शाते हैं, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं.

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Reepu Kumari

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान को कमरतोड़ जवाब दिया है. अब उसकी सटीक तस्वीर सामने आई है. हमले के बाद यह पहली फोटो है. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए थे. इस हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी. जिनमें से ज़्यादातर पर्यटक थे. तस्वीरों से पता चलता है कि प्रमुख आतंकी ठिकानों को काफ़ी नुकसान पहुंचा है. 15 बाद भारत ने पाकिस्तान को ऐसा करारा जवाब दिया है कि वो इसे पुश्तों तक याद रखेगा. 

मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा खींचे गए उपग्रह चित्रों में बहावलपुर और मुरीदके में स्थित स्थलों की पहले और बाद की तुलना दिखाई गई है, जो क्रमशः जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ हैं. तस्वीरें सीधे हमले की पुष्टि करती हैं, जिसमें भारतीय मिसाइलों ने बहावलपुर में सुभाम अल्लाह मस्जिद के गुंबद को भेद दिया. उपग्रह चित्र से यह भी पता चला कि मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक ठिकाना पूरी तरह नष्ट हो गया.

ऑपरेशन सिंदूर

सैन्य अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को तड़के मात्र 25 मिनट तक चले एक त्वरित और समन्वित हमले में भारत ने बालाकोट के बाद से सबसे बड़े सीमापार हमले किए, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.

ऑपरेशन सिंदूर नाम से किए गए इन हमलों में वायु, नौसेना और जमीन आधारित परिसंपत्तियां शामिल थीं और इन्हें पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में अंधेरे की आड़ में शुरू किया गया था जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे.

शीर्ष सूत्रों ने बताया कि इस सटीक हमले में प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े 80 से अधिक आतंकवादी मारे गए. सरकार ने एक ब्रीफिंग में कहा कि सैन्य कार्रवाई को मापा गया और लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया.