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Independence Day 2025: भारत के इतिहास में सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण, पीएम मोदी ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड

मोदी के भाषण आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्रियों की तुलना में अधिक लंबे रहे हैं. 2016 में उन्होंने 96 मिनट, 2019 में 92 मिनट और 2023 में लगभग 90 मिनट का भाषण दिया था. इससे पहले 1947 में जवाहरलाल नेहरू ने 72 मिनट और 1997 में इंद्र कुमार गुजराल ने 71 मिनट का भाषण दिया था.

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Reepu Kumari

PM Modi speech Record: स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए इतिहास रच दिया. उन्होंने 103 मिनट का भाषण देकर भारत के इतिहास में किसी भी प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण दिया. यह भाषण 2024 में उनके ही बनाए 98 मिनट के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया कीर्तिमान बन गया. प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन सुबह 7:33 बजे शुरू किया और 9:16 बजे समाप्त किया, जिसमें उन्होंने देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की.

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण ने न केवल समय की दृष्टि से रिकॉर्ड बनाया, बल्कि इस मौके पर उन्होंने लगातार 12वीं बार लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड भी पीछे छोड़ दिया. अब इस मामले में वह जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 17 बार लगातार राष्ट्र को संबोधित किया था. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ‘2047 तक विकसित भारत’ के विजन को रेखांकित करते हुए सरकार की योजनाओं, सुधारों और आने वाले वर्षों में देश के विकास की दिशा पर जोर दिया.

सबसे लंबा भाषण और उसके पीछे का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी का 103 मिनट का भाषण केवल समय की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि विषय-वस्तु की गहराई में भी ऐतिहासिक रहा. उन्होंने आर्थिक विकास, सामाजिक सुधार, तकनीकी प्रगति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी. इसके साथ ही उन्होंने युवाओं, किसानों, महिलाओं और उद्यमियों के लिए योजनाओं की चर्चा की.

पुराने रिकॉर्ड और पीएम मोदी के भाषण

मोदी के भाषण आमतौर पर पूर्व प्रधानमंत्रियों की तुलना में अधिक लंबे रहे हैं. 2016 में उन्होंने 96 मिनट, 2019 में 92 मिनट और 2023 में लगभग 90 मिनट का भाषण दिया था. इससे पहले 1947 में जवाहरलाल नेहरू ने 72 मिनट और 1997 में इंद्र कुमार गुजराल ने 71 मिनट का भाषण दिया था.

सबसे छोटे भाषणों का इतिहास

जहां एक ओर लंबे भाषणों का रिकॉर्ड पीएम मोदी के नाम है, वहीं सबसे छोटे भाषण देने का रिकॉर्ड जवाहरलाल नेहरू (1954) और इंदिरा गांधी (1966) के नाम है, जिनके भाषण मात्र 14 मिनट के थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के भाषण अपेक्षाकृत छोटे रहे, जो 25 से 35 मिनट के बीच थे.

2047 तक का विजन

अपने भाषण में पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया. उन्होंने ‘अमृत काल’ के लक्ष्यों, आत्मनिर्भर भारत की दिशा और वैश्विक मंच पर भारत की सशक्त भूमिका पर बल दिया. साथ ही, उन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया.