Nepali Students Ragging: कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) में हाल ही में हुई अप्रिय घटनाओं के बाद संस्थान के संस्थापक अच्युत सामंत ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है. उन्होंने नेपाली छात्रों से अनुरोध किया है कि वे परिसर में वापस लौटें और अपनी पढ़ाई जारी रखें.
आपको बता दें कि यह बयान उस घटना के बाद आया है जिसमें नेपाल की 20 वर्षीय छात्रा प्रकृति लामसाल की कथित आत्महत्या के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया था. मामले की जांच कर रही ओडिशा सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने सामंत को शुक्रवार को उपस्थित होने के लिए तलब किया है.
सामंत की अपील – 'कृपया वापस लौटें'
केआईआईटी के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा किए गए वीडियो में अच्युत सामंत ने कहा, ''16 फरवरी की रात को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना से हम सभी बेहद दुखी हैं. हमने कुछ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है. नेपाल के कुछ छात्र अब भी कक्षाओं में भाग ले रहे हैं, इसलिए मैं सभी नेपाली छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे वापस आएं.''
उन्होंने आगे कहा, ''मैं आश्वासन देता हूं कि किसी भी छात्र की शिक्षा, कैंपस प्लेसमेंट या अनुशासन संबंधी मामलों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा. मैं नेपाली छात्रों के अभिभावकों से क्षमा मांगता हूं. कृपया वापस लौटें, हम आप सभी का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.'
ओडिशा सरकार की जांच समिति ने किया तलब
ओडिशा सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने 21 फरवरी 2025 को शाम 6:30 बजे सामंत को पेश होने के लिए कहा है. इस तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू कर रहे हैं, और इसमें उच्च शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव भी शामिल हैं.
समिति को निम्नलिखित पहलुओं की जांच करनी है:-
नेपाली छात्रों पर हमले के आरोप में कई गिरफ्तारियां
वहीं इस घटना के बाद जब नेपाली छात्रों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, तो केआईआईटी प्रशासन ने 1,000 नेपाली छात्रों को निलंबन नोटिस जारी कर दिया और परिसर खाली करने को कहा. बाद में केआईआईटी के पांच कर्मचारियों को छात्रों पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही अब तक कुल 11 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिसमें 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र भी शामिल है, जिस पर महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.
राज्य सरकार और नेपाल दूतावास के प्रयास
बताते चले कि ओडिशा सरकार ने नेपाली दूतावास के अधिकारियों के साथ बैठक की है और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24x7 सहायता डेस्क खोली है. ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा, ''समिति को किसी को भी बुलाने का अधिकार है. यह पूरी तरह कानून के अनुसार काम कर रही है और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.''
क्या अब हालात सामान्य हो रहे हैं?
इसके अलावा, धीरे-धीरे केआईआईटी परिसर में सामान्य स्थिति लौट रही है. कक्षाएं फिर से शुरू हो गई हैं और कई छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख रहे हैं. हालांकि, विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रदर्शन कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
बहरहाल, केआईआईटी में हुई इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा और अनुशासन को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. अब देखना होगा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं.